आईटीआई शिक्षक अशोक चौधरी हत्याकांड की जांच शुरू, पहले दिन परिजनों के बयान दर्ज

आईटीआई शिक्षक अशोक चौधरी हत्याकांड की जांच शुरू, पहले दिन परिजनों के बयान दर्ज

मुरादाबाद। न्यायालय के आदेश पर आईटीआई के शिक्षक अशोक चौधरी हत्याकांड की पुलिस ने शनिवार जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने शनिवार को शिक्षक के परिजनों के बयान दर्ज किए हैं। साथ ही फिर से घटनास्थल का भी मुआयना किया। अब इस मामले में संदिग्ध लोगों से पुलिस फिर से पूछताछ करेगी। थाना पाकबड़ा प्रभारी विनोद कुमार ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है। इस मामले में वादी समेत सभी के बयान किए जा रहे हैं मुरादाबाद के थाना पाकबड़ा थाना के गुरैठा गांव निवासी आईटीआई के शिक्षक अशोक चौधरी घायल अवस्था में 4 अगस्त 2020 को पाकबड़ा अमरोहा मार्ग पर गुरैठा गांव जाने वाली सड़क के किनारे पड़े मिले थे। साईं अस्पताल में उपचार के दौरान 8 अगस्त को उनकी मौत हो गई थी। इस मामले में मृतक के चचेरे भाई किरन पाल सिंह ने रिपाेर्ट दर्ज कराई थी।

इस मामले की विवेचना पहले थाना पुलिस व फिर क्राइम ब्रांच ने की थी। क्राइम ब्रांच ने इस मामले को हादसा बता कर इस पर फाइनल रिपोर्ट 2021 में लगा दी थी। इस फाइनल रिपोर्ट का मृतक अशोक चौधरी के परिजनों ने विरोध किया था। न्यायालय में शपथ पत्र देकर इसको पुरानी रंजिश में हत्या के आरोप गुरैठा गांव निवासी रालोद नेता अभिनय चौधरी, रमेश, अजय, तनवीर, जीओम और लोधीपुर गांव निवासी राजीव चौधरी पर आरोप लगाया है। मृतक की पत्नी प्रीति ने अपने शपथपत्र में कहा है कि उसके जेठ हरिओम चौधरी 2005 में बीडीसी का चुनाव लड़े थे। वोट डालने के दौरान पोलिंग बूथ पर वोट डालने को कहा सुनी हो गई थी तो वहां पर अभिनय चौधरी भी आ गया था। इसके बाद अशोक चौधरी और अभिनय चौधरी में मारपीट हो गई थी और उसने अपने पक्ष के लोगों से उसके पति अशोक चौधरी, जेठ हरिओम चौधरी सहित चार लोगों पर रिपोर्ट दर्ज करवा दी थी।

अभिनय चौधरी ने इसी समय गांव को छोड़ दिया और मुरादाबाद शहर में जाकर रहने लगा था। अभिनय चौधरी 2019 तक गांव से बाहर रहा और फिर वह पंचायत चुनाव से एक साल पहले गांव में आ गया और चुनाव की तैयारी करने लगा था। इसके बाद उसके पति अशोक चौधरी ने भी अपनी पक्ष की तैयारी शुरू कर दी। अशोक चौधरी ने अपने पक्ष से उम्मीदवार जितेंद्र चौधरी को बना दिया। अशोक चौधरी पक्ष के उम्मीदवार जितेन्द्र चौधरी ने अपनी एक जनसभा जुलाई 2020 में की तो उसमें पुलिस आई लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले ही जनसभा समाप्त हो गई थी। इसके ठीक दो दिन के बाद अभिनय चौधरी ने जनसभा कर दी। इस जनसभा में पुलिस पहुंच गई और अभिनय चौधरी और उसके समर्थकों के खिलाफ महामारी अधिनियम सहित कई धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। यह रिपोर्ट पुलिस ने अपने ओर से दर्ज की थी लेकिन अभिनय चौधरी को लगा की यह रिपोर्ट उसके पति अशोक चौधरी ने दर्ज कराई है। इस रिपोर्ट दर्ज होने के लगभग 15 दिनों के बाद ही उसकी पति अशोक चौधरी की हत्या कर दी गई थी। न्यायालय ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए मामले में दोबारा विवेचना करने का आदेश दिया है।

 

 

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