इलेक्टोरल बांड सबसे बड़ा चुनावी चंदा घोटाला: कांग्रेस

पार्टी के खातों को अविधिक तरीके से सीज करना लोकतंत्र की हत्या: अभय दुबे

इलेक्टोरल बांड सबसे बड़ा चुनावी चंदा घोटाला: कांग्रेस

लखनऊ। शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर पत्रकारों से बातचीत में पार्टी प्रवक्ता अभय दुबे ने कहा कि भाजपा द्वारा 02 जनवरी 2018 से अधिसूचित इलेक्टोरल बांड योजना आजाद भारत में चुनावी चंदे की सबसे बड़ी भ्रष्ट योजना बन गई है। भाजपा द्वारा सफेद तरीके से काला धन एकत्र करने की एक अपारदर्शी योजना बनाई गई। जो सरकारी शक्ति के दुरूपयोग का एक नायाब नमूना बन गई है।
 
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी ने शुरू से ही इस चंदे के काले धंधे का विरोध किया था, हमने बार-बार कहा कि यह योजना भाजपा सिर्फ अपने फायदे के लिए और चुनावी चंदे में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए ला रही है। बोले कि यही नहीं मोदी सरकार एसबीआई को कोर्ट के आदेश के बाद भी इलेक्टोलरल बांड से सम्बन्धित सूचना को साझा करने से रोक रही थी।
 
सरकार सारी सूचना को आगामी 30 जून तक यानी चुनाव सम्पन्न होने तक छुपाने का प्रयत्न कर रही थी लेकिन कोर्ट के दबाव के बाद जब एसबीआई को इलेक्टोरल बाण्ड से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक करनी पड़ी तो भाजपा की चार भष्ट नीतियां उजागर हुई। कांग्रेस नेता ने कहा कि चंदा दो धंधा लो के रास्ते चल रही ऐसी कई कंपनियों के मामले हैं जिन्होंने इलेक्टोरल बांड दान किया और उसके तुरन्त बाद उन्हें सरकार से भारी लाभ प्राप्त हुआ। उदाहरण के तौर पर मेधा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रा ने अप्रैल 2023 में, 140 करोड़ डोनेट किया और ठीक एक महीने बाद, उन्हें 14,400 करोड़ रुपए की ठाणे-बोरीवली ट्विन टनल प्रोजेक्ट मिल गया।
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