रामकृष्ण मठ में शंखनाद मंगल आरती के साथ मनाई जयंती
वैदिक मंत्रोच्चार, समूह गायन में नारायण सूक्तम का हुआ पाठ
By Harshit
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लखनऊ। निरालानगर रामकृष्ण मठ में शंखनाद मंगल आरती के साथ स्वामी त्रिगुणातीतानन्द जयंती मनाई गयी। जिसमें वैदिक मंत्रोच्चारण, नारायण सूक्तम का पाठ और जय जय रामकृष्ण भुवन मंगल का समूह में गायन किया गया। वहीं मठ के स्वामी इष्टकृपानन्द, स्वामी पारगानन्द के नेतृत्व में किया गया। तत्पश्चात रामकृष्ण मठ के अध्यक्ष स्वामी मुक्तिनाथानन्द महाराज द्वारा स्वामी त्रिगुणातीतानन्द के जीवनी एवं संदेश पर प्रवचन में बताया कि उनके संन्यास के पूर्व नाम सारदा प्रसन्न मित्र था।
उनका जन्म 30 जनवरी 1865 को कलकत्ता के पास भांगर के नौरा गाँव के एक कुलीन परिवार में हुआ था। उन्होंने संन्यासियों भाई के साथ संसार त्याग एवं संन्यास की शपथ ली, और स्वामी त्रिगुणातीतानन्द के रूप में जाना जाने लगे। स्वामी विवेकानंद के आदेश अनुसार अमेरिका राज्य में 1930 में पहुंचे एवं जीवन के अन्तिम दिन तक प्रचार कार्य में लगे रहे।
स्वामी ने बताया कि उन्होंने केवल शुद्ध शाकाहारी आहार ग्रहण करने का निश्चय किया, और संयुक्त राज्य अमेरिका में उगाई जाने वाली सब्जियों और फलों के बारे में सटीक जानकारी प्राप्त न कर पाने के कारण, उन्होंने जीने के संकल्प के साथ अपनी यात्रा शुरू की, यदि आवश्यक हो, रोटी और पानी ही ग्रहण करेंगे। बाद में उन्होंने निश्चित रूप से पाया कि उस देश में सभी प्रकार की सब्जियां और अनाज बहुतायत में उगाए जाते थे।
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