शूलिनी मेले के नाम पर फर्जीवाड़े का आरोप, भाजपा ने मांगी जांच

शूलिनी मेले के नाम पर फर्जीवाड़े का आरोप, भाजपा ने मांगी जांच

शिमला। विपक्षी दल भाजपा ने सोलन के राज्य स्तरीय शूलिनी मेले के नाम पर फर्जीवाड़े का आरोप लगाया है। पार्टी के प्रवक्ता चेतन ब्रागटा ने रविवार को इस पूरे घटनाक्रम की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा कि इस मामले में सरकारी अधिकारियों की संलिप्तता सामने आ रही है और इसकी कड़ियों तक पहुंचना आवश्यक है ब्रागटा ने कहा कि सोलन जिले के नालागढ़ क्षेत्र में एक प्रिंटिंग प्रेस में राज्य स्तरीय शूलिनी मेले के नाम पर 1200 फर्जी पर्चियां छापी गईं। इन पर्चियों का प्रयोग स्थानीय दुकानदारों और नागरिकों से धन वसूलने के लिए किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह पूरा कार्य एक डिपो संचालक द्वारा अंजाम दिया गया, जिसे एक फूड इंस्पेक्टर द्वारा एक मूल पर्ची सौंपी गई थी। उसी असली पर्ची के आधार पर नकली पर्चियों की छपाई करवाई गई।

भाजपा प्रवक्ता ने इस पूरे घटनाक्रम को सुनियोजित भ्रष्टाचार करार दिया और कहा कि इन पर्चियों में स्कैन कोड और डीसी सोलन की ईमेल आईडी तक प्रकाशित है, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि फर्जीवाड़ा किस स्तर तक पहुंचा है। इतना ही नहीं, पर्ची में जिस प्रिंटिंग प्रेस में छपाई हुई, उसका नाम तक अंकित नहीं है जिससे प्रेस की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में शामिल अधिकारियों को सरकार का संरक्षण प्राप्त हो सकता है क्योंकि बिना राजनीतिक संरक्षण के इतनी बड़ी धोखाधड़ी संभव नहीं है। चेतन ब्रागटा ने यह भी दावा किया कि फूड इंस्पेक्टर की भूमिका की भी जांच चल रही है, जिसने डिपो संचालक को असली पर्ची दी थी।

भाजपा ने इस पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय और निष्पक्ष जांच की मांग की है। चेतन ब्रागटा ने कहा कि जांच में किसी भी स्तर पर तथ्य छुपाने या मिटाने का प्रयास नहीं होना चाहिए। भाजपा यह भी मांग करती है कि इस मामले में शामिल किसी भी अधिकारी या व्यक्ति को बख्शा न जाए और उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए गौरतलब है कि शूलिनी मेला सोलन जिला की अधिष्ठात्री देवी मां शूलिनी के सम्मान में हर वर्ष बड़े धूमधाम से आयोजित किया जाता है। यह जिला का प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव माना जाता है।

 

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