सीसीपीए का ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को 3 महीने के भीतर स्व-ऑडिट करने का परामर्श जारी
-ई-कॉमर्स कंपनियों को डार्क पैटर्न का पता लगाने के लिए 3 महीने के भीतर स्व-ऑडिट करने का निर्देश
नई दिल्ली। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को डार्क पैटर्न का पता लगाने और उसका समाधान सुनिश्चित करने के लिए 3 महीने के भीतर स्व-ऑडिट करने का परामर्श जारी किया है। सीसीपीए ने कुछ मामलों में ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म को नोटिस भी जारी किए हैं, जो डार्क पैटर्न की रोकथाम और विनियमन के लिए दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते पाए गए हैं।
उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने शनिवार को जारी बयान में बताया कि सभी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को सलाह दी गई है कि वे एडवाइजरी जारी होने के 3 महीने के भीतर डार्क पैटर्न की पहचान करने के लिए स्व-ऑडिट करें। साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं कि उनके प्लेटफॉर्म ऐसे डार्क पैटर्न से मुक्त हों।
मंत्रालय के मुताबिक सेल्फ-ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को यह भी स्व-घोषणा देने के लिए प्रोत्साहित किया गया है कि उनका प्लेटफॉर्म किसी भी डार्क पैटर्न में लिप्त नहीं है। प्लेटफॉर्म द्वारा स्व-घोषणा से उपभोक्ताओं और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के बीच विश्वास का निर्माण होने के साथ-साथ निष्पक्ष डिजिटल इकोसिस्टम सक्षम होगा। इसके अलावा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को डार्क पैटर्न की रोकथाम और विनियमन के लिए दिशा-निर्देश, 2023 का अनुपालन करने की सलाह दी गई है।
भारत सरकार के उपभोक्ता मामलों के विभाग ने एक संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) का गठन किया है, जिसमें संबंधित मंत्रालयों, नियामकों, स्वैच्छिक उपभोक्ता संगठनों और NLU के प्रतिनिधि शामिल हैं। जेडब्ल्यूजी का कार्य ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर डार्क पैटर्न के उल्लंघन की पहचान करने के लिए जाँच करना और उपाय करना तथा नियमित अंतराल पर उपभोक्ता मामलों के विभाग के साथ जानकारी साझा करना है। यह उपभोक्ताओं के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए उचित जागरूकता कार्यक्रम भी सुझाएगा।
उल्लेखनीय है कि डिजिटल युग में उपभोक्ता संरक्षण को मजबूत करने और ई-कॉमर्स और ऑनलाइन सेवाओं में अनुचित प्रथाओं पर अंकुश लगाने के लिए सरकार की व्यापक रणनीति और चल रहे प्रयासों के हिस्से के रूप में भारत सरकार के उपभोक्ता मामले के विभाग ने 2023 में डार्क पैटर्न की रोकथाम और विनियमन के लिए दिशा-निर्देश अधिसूचित कर 13 डार्क पैटर्न निर्दिष्ट किए थे। डार्क पैटर्न की पहचान करने और उसको खत्म करने के लिए जेडब्ल्यूजी का गठन किया गया है।
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