परसा ईस्ट एवं केते बासेन कोल परियोजना के लिए पेड़ों की कटाई शुरू

परसा ईस्ट एवं केते बासेन कोल परियोजना के लिए पेड़ों की कटाई शुरू

अंबिकापुर ।राजस्थान राज्य वि़द्युत उत्पादन निगम लिमिटेड को आबंटित और अदानी कंपनी द्वारा संचालित कोल परसा ईस्ट एवं केते बासेन कोल परियोजना के लिए पेड़ों की कटाई का काम जोर शोर से चल रहा है। गुरूवार को सुबह से ही हरिहरपुर, साल्ही, घाटबर्रा, फत्तेपुर, बासेन और परसा में पुलिस बल, वन अमला व राजस्व अमला की चहलकदमी प्रारंभ हो गई थी। खदान की ओर जाने वाले हर रास्ते पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया। साल्ही मोड़ व बासेन से परसा जाने वाले रास्ते में चेक पोस्ट बनाकर हर आने जाने वाले लोगों से पुछताछ किया जाने लगा। सुबह 10 बजे करीब सैकड़ों की संख्या वन राजस्व पुलिस व पेड़ों की कटाई में लगे लोग अंदर घुसे और पेड़ों की कटाई शुरू कर दिया।

पेड़ों की कटाई की भनक लगते ही आंदोलनकारी व प्रभावित ग्राम के ग्रामीण भी धरना स्थल हरिहरपुर व पेड़ कटाई स्थल घाटबर्रा पेंड्रामार के जंगल पहुंचने लगे।पुलिस बल की लाख कोशिशों के बावजूद ग्रामीणों ने कटाई स्थल तक पहुंच कर पेड़ों की कटाई रोकने की कोशिश की, परंतु उनकी कोशिश नाकाम रही । उत्पादन के रेंजर लाल चंद लकड़ा ने बताया कि कक्ष क्रमांक 2003, 2004, 2005 एवं 2006 में चार अलग अलग टीमों द्वारा पेड़ कटाई की जा चुकी है।काटे गए पेड़ों की गिनती का कार्य जारी है।

कुछ आंदोलनकारियों रामलाल, जयनंदन सरपंच घाटबर्रा, ठाकुर राम व अन्य को पुलिस उनके घर से बातचीत के नाम पर उठाकर ले जाया गया । आंदोलनकारियों के नेताओं को पुलिस द्वारा उठाकर ले जाने वीडियो बनाकर ग्रामीणों ने सोशल मीडिया पर वायरल किया है। जिसमें साफ प्रतीत हो रहा है कि उन्हें जबरन ले जाया गया है। धरना स्थल हरिहरपुर में आंदोलनरत ग्रामीणों ने पेड़ों की कटाई व आंदोलनकारियों की गिरफ्तारी का जमकर विरोध करते हुये उनकी तत्काल रिहाई की मांग की है। वर्ष 2013 में इस क्षेत्र में कोयले की खुदाई एवं ढुलाई की प्रक्रिया शुरू हुई। पिछले वर्ष 2022 में छत्तीसगढ़ में आसीन कांग्रेस ने सरकार ने लगभग 134.84हेक्टेयर क्षेत्र में कोल उत्पादन की अनुमति दी थी। इस दौरान हजारों की संख्या में फोर्स लगाकर 43.6 हेक्टेयर वन भूमि से लगभग 10 हजार पेड़ काटे गए थे।

 

 

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