सपा सुप्रीमो अखिलेश ने बजट पर भाजपा को घेरा, बोले-पीडीए के लिए उसमें क्या है

 सपा सुप्रीमो अखिलेश ने बजट पर भाजपा को घेरा, बोले-पीडीए के लिए उसमें क्या है

 लखनऊ । समाजवादी पार्टी(भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने बजट से पहले ही भाजपा सरकार घेरा और कई सवाल पूछे हैं। उन्होंने सोमवार को 'एक्स' के जरिए योगी सरकार से सवाल किया है कि उत्तर प्रदेश का बजट चाहे सात लाख करोड़ का हो या आठ लाख करोड़ का… सवाल यही रहेगा कि 90 प्रतिशत जनता के लिए मतलब 'पीडीए' के लिए उसमें क्या है?

उन्होंने कहा कि भाजपा की नीति आम जनता विरोधी है, वह 10 प्रतिशत संपन्न लोगों के लिए 90 प्रतिशत बजट रखती है और 90 प्रतिशत ज़रूरतमंद जनता के लिए केवल नाममात्र का 10 प्रतिशत बजट। साथ ही क्षतिग्रस्त सड़क की फोटो पेास्ट कर लिखा है कि ऐसी सड़क कैसे चले बेधड़क।

उन्होंने कहा है कि उप्र की भाजपा सरकार आंकड़ों में न उलझाए, सीधी बात ये बताए कि इस बजट से महंगाई से कितनी राहत मिलेगी। ⁠कितने युवाओं को रोज़गार मिलेगा, ⁠सही में अपराध और भ्रष्टाचार कम करने के उपायों पर कितना खर्च किया जाएगा। ⁠मंदी और जीएसटी की मार झेल रहे काम-कारोबार और दुकानदारी को बढ़ावा देने के लिए क्या प्रावधान है।

उन्होंने पूछा है कि इस बजट में ⁠किसान की बोरी की चोरी रुकेगी या नहीं, फ़सल का सही दाम व किसानों की आय दुगुनी होगी या नहीं,⁠मजदूर-श्रमिक को मेहनत की सही क़ीमत मिलेगी या नहीं, महिलाओं को बेख़ौफ़ घर से निकलने की आज़ादी देने के लिए अपराधियों पर नियंत्रण के लिए जगह-जगह सीसीटीवी लगेंगे या नहीं, ⁠कर्मचारियों को पुरानी पेंशन मिलेगी या नहीं, ⁠अच्छी दवाई, पढ़ाई लिए कितना आबंटन है,⁠पानी घर पहुंचाने और शौचालयों को सुचारू रूप से चलाने की योजना के लिए दिखावटी प्रावधान कितना है, ⁠और हां गोरखपुर में बरसात में नाव चलाने व गोरखपुरवासियों को तैरने का मुफ़्त प्रशिक्षण देने के लिए कितना प्रावधान किया गया है।

इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने पूछा है कि बिजली के नए प्लांटों के लिए कितना बजट है, ⁠नई सड़कें तो छोड़िए, बस इतना और बता दें कि सड़कों के गड्ढे भरने का बजट में कोई प्रावधान है या नहीं? झूठे दावों के दिखावटी प्रचार के लिए आपकी भाजपा सरकार ने कितना प्रावधान किया है कृपया इसकी मोटी फाइल अलग से जनता के सामने रखें।
 
 

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‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है। 

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