सुप्रीम कोर्ट ने अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर की अंतरिम जमानत अवधि बढ़ाई
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आॅपरेशन सिंदूर पर टिप्पणी मामले में अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को मिली अंतरिम जमानत अवधि को अगले आदेश तक बढ़ा दिया है। जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली वेकेशन बेंच ने ये आदेश दिया। कोर्ट ने 21 मई को इस मामले की जांच के लिए एसआईटी के गठन का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा कि इस मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी महमूदाबाद के खिलाफ दर्ज दो एफआईआर के संबंध में ही होगी।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि प्रत्येक आदमी को अपनी बात कहने का अधिकार है, लेकिन देश जब चुनौतियों से जूझ रहा हो, सिविलियन पर हमला हो रहा हो, ऐसे मौके पर लोकप्रियता पाने के लिए ऐसा बयान क्यों दिया गया। खान की पोस्ट की भाषा पर सवाल उठते हुए जस्टिस सूर्यकांत ने कहा था कि हमें यकीन है कि वह बहुत शिक्षित है। दूसरों को चोट पहुंचाए बिना बहुत सरल भाषा में अपनी बात कह सकते थे, ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कर सकते थे जो सरल और सम्मानजनक हों।
सुनवाई के दौरान 19 मई को प्रोफेसर खान की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि महमूदाबाद ने ऑपरेशन सिंदूर पर देशभक्ति पूर्ण बयान दिया था, लेकिन उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले में 18 मई को महमूदाबाद को दो दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा गया था। प्रोफेसर के खिलाफ हरियाणा में दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं।
टिप्पणियां