एक अधिकारी तीनों सेनाओं के जवानों पर एक्शन ले सकेगा

 देश में इंटर सर्विस ऑर्गनाइजेशन नियम लागू

एक अधिकारी तीनों सेनाओं के जवानों पर एक्शन ले सकेगा

  • सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया
  • तीनों सेनाओं के कमांडरों को मिले अनुशासनात्मक अधिकार
  • राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से अधिसूचित नियम 27 मई से प्रभावी होंगे

नई दिल्ली। तीनों सेनाओं के कमांडरों को उनके अधीन काम करने वाले सशस्त्र बल कर्मियों पर अब अनुशासनात्मक अधिकार मिल गए हैं। तीनों सेनाओं को संयुक्त रूप से मजबूत बनाने के लिए रक्षा मंत्रालय का एक विधेयक 2023 में संसद से पारित होने के बाद अब सरकार ने इन नियमों को राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से अधिसूचित कर दिया है, जो 27 मई से प्रभावी होंगे।

दरअसल, तीनों सेनाओं को संयुक्त रूप से मजबूत करने के लिए आधुनिकीकरण और पुनर्गठन कर थिएटर कमांड बनाने की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसी के मद्देनजर रक्षा मंत्रालय ने इस कानून के जरिये तीनों सेनाओं के कमांडरों को उनके अधीन काम करने वाले तीनों सशस्त्र बलों के सभी कर्मियों पर अनुशासनात्मक अधिकार दिए हैं। इसे 'इंटर-सर्विसेज आग्रेनाइजेशन (कमांड, कंट्रोल एंड डिसिप्लिन) बिल, 2023 का नाम दिया गया है। इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार एक अधिसूचना के जरिये 'इंटर सर्विसेज ऑर्गनाइजेशन' का गठन कर सकती है। इसमें वह संयुक्त सेवा कमांड शामिल हो सकती है, जिसमें यूनिट या सेवा कर्मी शामिल हैं। 

तीनों सेनाओं को संयुक्त रूप से मजबूत बनाने के लिए रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने 15 मार्च 2023 को लोकसभा के मानसून सत्र में अंतर-सेवा संगठन (कमान, नियंत्रण और अनुशासन) विधेयक पेश किया था। इसके जरिए तीनों सेनाओं के कमांडरों को उनके अधीन काम करने वाले तीनों सशस्त्र बलों के सभी कर्मियों पर अनुशासनात्मक अधिकार देने की तैयारी थी। लोकसभा से पारित होने के बाद इस कानून पर 15 अगस्त, 2023 को राष्ट्रपति की भी मुहर लगी थी। अब सरकार ने 27 मई को एक अधिसूचना जारी कर अंतर-सेवा संगठन (कमांड, नियंत्रण और अनुशासन) अधिनियम 2023 के तहत तैयार किए गए नियमों को राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से अधिसूचित किया गया है और यह 27 मई से प्रभावी होंगे। 

इसे ऐसे समय में लागू किया गया है, जब रक्षा मंत्रालय बदलते सुरक्षा माहौल में खतरों से निपटने के लिए थिएटर कमांड के निर्माण पर काम कर रहा है। इस दिशा में काम करने के लिए चीफ आॅफ डिफेंस स्टाफ का पद सृजित किया गया है। तीनों सेनाओं में फिलहाल अनुशासन बनाए रखने के लिए वायु सेना अधिनियम-1950, सेना अधिनियम-1950 और नौसेना अधिनियम-1957 लागू हैं, जो संबंधित मामलों के लिए उनकी कमान के अधीन या उनसे जुड़े हुए हैं। अब इस कानून में कहा गया है कि किसी अंतर-सेवा संगठन का कमांडर-इन-चीफ या आॅफिसर-इन-कमांड अंतर सेवा संगठन का प्रमुख होगा। 

इसलिए उसके अधीन कार्य करने वाले कर्मियों पर पूर्ण नियंत्रण होगा। सरकार के इस महत्वपूर्ण कदम का उद्देश्य अंतर-सेवा संगठनों (आईएसओ) की प्रभावी कमान, नियंत्रण और कुशल कार्यप्रणाली को मजबूत करना है, जिससे सशस्त्र बलों के बीच एकजुटता मजबूत होगी। इन नियमों की अधिसूचना के साथ अधिनियम अब पूरी तरह से लागू हो गया है। इससे आईएसओ के प्रमुखों को सशक्त बनाया जा सकेगा। अनुशासनात्मक मामलों का शीघ्र निपटान किया जा सकेगा और कार्यवाही के दोहराव से बचने में मदद मिलेगी।

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