सोनभद्र में दुष्कर्म के दोषी शिक्षक को उम्रकैद
सोनभद्र। साढ़े चार पूर्व 12 वर्षीय नाबालिग छात्रा के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट सोनभद्र अमित वीर सिंह की अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी शिक्षक संतोष कुमार जायसवाल को उम्रकैद एवं दो लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड न देने पर छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अर्थदंड की धनराशि में से एक लाख 60 हजार रुपये पीड़िता को मिलेंगे।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, बभनी थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी पीड़िता की मां ने बभनी थाने में तहरीर दी थी कि उसकी 12 वर्षीय नाबालिग बेटी कक्षा पांच में पढ़ती है। 06 नवम्बर 2019 को जब बेटी स्कूल पढ़ने गई थी। शिक्षक संतोष कुमार जायसवाल ने छुट्टी के बाद उसकी बेटी को रोका और जबरन दुष्कर्म किया। इसके बाद वह बेटी को घर पहुंचा कर चला गया। बेटी को किसी से न बताने के लिए मना किया था। पीड़िता बेटी ने रोते हुए अपनी माँ से सारी घटना बताई।तब पत्नी ने उसे बताया। पीड़िता की तहरीर पर 07 नवम्बर 2019 को पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना की।
पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने कोर्ट में दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट में चार्जशीट दाखिल किया था।मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी शिक्षक संतोष कुमार जायसवाल को उम्रकैद एवं दो लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से एक लाख 60 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश कुमार अग्रहरि, सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह ने बहस की।
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