अंबेडकरनगर द्वारा विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन
अंबेडकरनगर। बुधवार को जिला कारागार में प्ली बारगेनिंग एवं 436 ए के लाभ विषय पर कमलेश कुमार मौर्य, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन एवं जिला कारागार का निरीक्षण किया गया। इस विधिक साक्षरता शिविर में जिला करागार से गिरिजा शंकर यादव, कारापाल, एवं छोटे लाल सरोज, उपकारापाल व जिला कारागार के अन्य कर्मचारीगण एवं बन्दियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।शिविर को सम्बोधित करते हुये जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर ने प्ली बारगेनिंग विषय पर बोलते हुये कहा कि भारतीय संसद ने दण्ड प्रक्रिया संहिता में संशोधन अधिनियम 2/2006 द्वारा एक नया
अध्याय 21 (ए) (घारा 265-ए से 265-एल) प्ली बारगेनिंग नामक शीर्षक जोड़कर दांडिक अभियोजन व पीड़ित पक्ष आपसी सामंजस्य से प्रकरण के निपटारे हेतु न्यायालय के अनुमोदन से एक रास्ता निकालते हैं जिसके तहत अभियुक्त द्वारा अपराध स्वीकृति पर उसे हल्के दण्ड से दण्डित किया जाता है जो अन्यथा कठोर हो सकता है। प्ली बारगेनिंग समझौते का एक तरीका है। इसके तहत अभियुक्त कम सजा के बदले में अपने द्वारा किये गये अपराध को स्वीकार करके और पीड़ित व्यक्ति को हुये नुकसान और मुकदमें के दौरान हुये खर्चे की क्षतिपूर्ति करके कठोर सजा से बच सकता है। न्यायालय उक्त पक्षों को आपसी संतोषजनक हल निकालने के लिये समय देगा।
सचिव द्वारा 438ए के बारे में बताया कि जब किसी व्यक्ति किसी विधि के अधीन किसी अपराध के (मृत्यु दण्ड को छोड़कर) इस संहित के अधीन अन्वेषण, जांच या विचारण की अवधि के दौरान कारावास की उस अधिकतम अवधि के, जो उस विधि के अधीन उस अपराध के लिए विनिर्दिष्ट की गई है, के आधे से अधिक के लिए कारागार निरूद्ध रह चुका है। वहां वह प्रतिभू सहित या रहित व्यक्तिगत बंधपत्र पर न्यायालय द्वारा छोड़ा जा सकता है, परन्तु न्यायालय, लोक अभियोजक की सुनवाई के पश्चात् और उन कारणों से जो उस द्वारा लेखबद्ध किए जाऐगें, ऐसे व्यक्ति के उक्त आधी अवधि से दीर्घतर अवधि के लिए कारागार निरूद्ध जारी रखने का आदेश कर सके या व्यक्तिगत बंधपत्र के बजाय प्रतिभुओं सहित या रहित जमानत पर उसे छोड़ देगा।
अपर जिला जज/सचिव महोदय द्वारा जेल अधीक्षक, जिला कारागार अम्बेडकरनगर को निर्देशित किया गया कि जिला कारागार, अम्बेडकरनगर में निरूद्ध ऐसे बन्दी जिनकी जमानत न्यायालय से हो चुकी है परन्तु वह जमानतदार के अभाव में कारागार से रिहा नहीं हो पा रहे हैं तो उसकी सूचना से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर को समय-समय पर अवगत कराते रहे।शिविर के उपरान्त अपर जिला जज / सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा जिला कारागार एवं जेल लीगल एड क्लीनिक एवं जिला कारागार में स्थित अस्पताल का निरीक्षण किया गया।
कारागार के निरीक्षण के दौरान सचिव द्वारा बन्दियों से बातचीत कर उनकी समस्याओं के विषय में बात की बन्दियों को लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान की एवं जेल अधीक्षक जिला कारागार, अम्बेडकरनगर को निर्देशित किया गया कि बन्दियों को उनकी रिहाई के अधिकारों के प्रति जागरूक करें व किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या होने पर उचित उपचार दिलाना सुनिश्चित करें, बन्दियों के खान-पान का विशेष ध्यान रखें, महिला बन्दियों के साथ रह रहे बच्चों का ध्यान रखें, जिला कारागार परिसर में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें ।
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