सामुदायिक शौचालय में गंदगी, सफाई पर लाखों खर्च

बंडा/शाहजहांपुर। बंडा नगर पंचायत के सामने और थाने के समीप बने सामुदायिक शौचालय में भीषण गंदगी पसरी हुई है। साफ सफाई न होने के कारण शौचालय में गंदगी की बदबू दूर तक जाती है। जिसके कारण लोग टायलेट करने से भी कतराते हैं। नगर पंचायत की अनदेखी से शौचालय लोगों के लिए अनुपयोगी साबित हो रहा है। लाखों रूपए खर्च होने के बाद भी जनता बदबूदार शौचालय जाने को मजबूर हैं। स्वच्छ भारत मिशन को पलीता लगाने के लिए नगर पंचायत प्रशासन कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है।शौचालय सफाई न होने के कारण उत्पन्न होने वाली दुर्गंध से निकालने वाले राहगीरों के आलावा आस-पास के दुकानदारों को भी काफी दिक्कत होती है। लेकिन नगर पंचायत प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है।यह समस्या न केवल शौचालय की हालत को अत्यधिक अस्वस्थ बना रही है,

बल्कि लोगों के स्वास्थ्य और हाइजीन को भी खतरा पहुंचा रही है। बंडा का  सामुदायिक शौचालय अब गंदगी से भरे पडा है। जिससे उनका उपयोगकर्ताओं के लिए सुरक्षित और स्वच्छ नहीं है।नगर पंचायत की इस घोर लापरवाही की वजह से सामुदायिक स्वास्थ्य में बढ़ती संक्रामक बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। मच्छरों का बढ़ता प्रदर्शन और गंदगी से संक्रमण की संभावना के कारण, जनस्वास्थ्य जोखिम में है।इस समस्या का समाधान करने के लिए, नगर पंचायत को सामुदायिक शौचालयों की सफाई और संचालन को प्राथमिकता देनी चाहिए। सख्त कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ, संज्ञान लेते हुए प्रभावी शौचालय प्रबंधन की आवश्यकता है। नगर पंचायत को लोगों को जागरूक करने और सामुदायिक साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय होना चाहिए।

वर्तमान में शौचालय के हालात इतने बद्तर है कि उपयोग लायक ही नहीं है। लेकिन नगर पंचायत प्रशासन दीवारों पर बाल पेंटिंग के जरिए स्वच्छता के झूठे नारे लगाते रहता है। साफ सफाई को लेकर नगर पंचायत कितना गंभीर है ये तो नगर के वसिंदे अच्छी तरह जानते हैं।

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