चमन लाल महाविद्यालय में साप्ताहिक व्याख्यान माला का शुभारंभ
रुड़की/लंढौरा (देशराज पाल)। चमन लाल महाविद्यालय में बौद्धिक संपदा अधिकार पर साप्ताहिक व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष रामकुमार शर्मा ने दीप प्रज्वलित कर किया। मुख्य वक्ता के रूप में गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार से डॉ. श्रेयांश भारद्वाज उपस्थित रहे। उन्होंने बताया कि बौद्धिक संपदा अधिकार का अर्थ और आवश्यकता और उसके महत्व को भी समझाया उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति अपनी नवाचार का पेटेंट करा सकता है जिससे कि वह अपने पेटेंट के द्वारा अपने नवाचार को सुरक्षित कर सकता है साथ ही उन्होंने अपने व्याख्यान में विभिन्न उदाहरणों की सहायता से यह भी समझाया कि किस प्रकार बौद्धिक संपदा अधिकार का उल्लंघन करने से कितनी कंपनियां पर मुकदमे इत्यादि हो जाते हैं। इस अवसर पर उपस्थित आइक्यूएसी समन्वयक डॉ. दीपा अग्रवाल ने कहा कि आज आधुनिक समय में पेटेंट अथवा कॉपीराइट जैसे मुद्दों पर भी बात होनी जरूरी है इसका भी दुरुपयोग किया जा रहा है। डिजिटल शिक्षण कार्य से भी छात्र-छात्राओं को सुविधा मिली है। नवाचार के माध्यम से शिक्षा को आसान बनाया जा सकता है जिससे छात्र-छात्राओं में शिक्षा के प्रति रुचि उत्पन्न हो सके। कार्यक्रम में उपस्थित महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सुशील उपाध्याय ने कहा कि छात्र-छात्राओं को ऐसे विषयों की जानकारी समय-समय पर देना आवश्यक है जिससे छात्रों में नवाचार हेतु विचार उत्पन्न हो सके। नवाचार के माध्यम से शिक्षा को और बेहतर बनाया जा सकता है। नेक के दृष्टिगत भी इसका अपना महत्व है। नवाचार को बढ़ावा देने से छात्र-छात्राओं में कौशल विकास का जन्म होता है कार्यक्रम समन्वयक डॉ.अनामिका चौहान ने भी बौद्धिक संपदा अधिकार की विषय वस्तु पर प्रकाश डाला और बताया कि किस प्रकार कॉपीराइट एवं पैड जनरल प्रकाशित किए जा रहे हैं जिसमें गुणवत्ता की भारी कमी है। हमें अपने रिसर्च पेपर पर उसकी गुणवत्ता को ध्यान में रखकर ही प्रकाशित करना चाहिए। इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त शिक्षक एवं गैर शिक्षक कर्मचारी उपस्थित रहे।
टिप्पणियां