पंडरी गांव में दूसरे दिन भी दिखा बाघ, जानवर को बनाया निवाला
पीलीभीत । महोफ रेंज से सटे गांव पंडरी में बाघ के हमले में युवक की मौत के दूसरे दिन भी बाघ ने दोपहर में गांव के नजदीक दस्तक दी, जिससे गांव में हड़कंप मच गया। वहीं देर रात बाघ ने एक जानवर को निवाला बनाया। इतना सब कुछ होने के बाद भी जिम्मेदारों ने झांकने की कोशिश नहीं की। महज वन कर्मियों की एक टीम दोपहर में दूर से ही जायजा लेकर लौट गई। बाघ की लगातार मौजूदगी से ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।पीलीभीत टाइगर रिजर्व की महोफ रेंज से सटे गांव पंडरी के आसपास कुछ दिनों से बाघ की चहलकदमी देखी जा रही थी। ग्रामीणों ने सूचना पर भी वन विभाग ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
एक दिन पूर्व बाघ ने गांव के युवक पंकज को गन्ने के खेत में निवाला बना डाला। इस पर ग्रामीणों ने जमकर हंगामा काटा था। बरखेड़ा विधायक स्वामी प्रवक्तानंद समेत प्रशासनिक अधिकारियों से घंटों चली वार्ता के बाद ग्रामीणों ने शव उठने दिन दिया था। इधर, युवक की मौत के बाद पीलीभीत टाइगर रिजर्व एवं सामाजिक वानिकी प्रभाग द्वारा टीमों के लगातार निगरानी की बात कही गई थी, लेकिन मंगलवार दोपहर घटना स्थल से कुछ दूरी पर बाघ ने दोबारा दस्तक देकर जिम्मेदारों की निगरानी की पोल खोल दी। खेत में बाघ होने की जानकारी लगते ही गांव में हड़कंप मच गया।
खेत के आसपास ग्रामीणों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया। पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। बताते हैं कि सामाजिक वानिकी प्रभाग की एक टीम दूर से ही मौका मुआयना कर लौट गई। इधर देर रात भी बाघ ने घटना स्थल से करीब 200 मीटर की दूरी पर एक जानवर को निवाला बना लिया। इधर, बाघ की लगातारमौजूदगी के बाद भी मौके पर वन विभाग की टीमें न पहुंचने को लेकर ग्रामीणों में खासा आक्रोश देखा गया। दोपहर बाद पहुंची टीम, ग्रामीणों में आक्रोश बरकरार, एक दिन पहले युवक की ली थी जान, फिर भी नहीं जागे जिम्मेदार गांव पंडरी में दूसरे दिन भी बाघ को देखने के लिए एकत्र ग्रामीण।
नहीं दिखा वन अफसरों के दावों में दम गांव पंडरी में बाघ हमले में युवक की मौत के बादपीलीभीत टाइगर रिजर्व एवं सामाजिक वानिकी प्रभाग के वन अफसरों द्वारा मौके पर टीमों द्वारा निगरानी करने और घटनास्थल और आसपास क्षेत्र में ट्रैपिंग कैमरे लगाने की बात कही गई थी। ग्रामीणों की मानें तो दोपहर तक कोई भी टीम घटनास्थल या उसके आसपास नहीं देखी गई। वहीं जिम्मेदार वन अफसर दोपहर तक बाघ की कोई लोकेशन ट्रेस न होने की बात कह रहे थे, जबकि बाघ घटना के बाद से घटनास्थल के आसपास ही लगातार चहलकदमी करता दिखाई दिया।
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