पांच ठेकेदारों ने किया अवैध बालू खनन व नियमों का उल्लंघन , सरकारी सबूत के बावजूद कार्रवाई नहीं कर रहें अधिकारी
संबंधित ठेकेदारों को भेजा गया दो- दो बार स्पष्टीकरण लेकिन नहीं आया जबाब, संज्ञान के बाद खनन विभाग ने क्यों नहीं किया निरीक्षण
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स्पष्टीकरण ऐसा जिसपर समयावधि का निर्धारण नहीं, अभी तक जल संसाधन विभाग व खनन विभाग ने नहीं किया एफ़आइआर

डेढ़ माह पहले जल संसाधन विभाग टीम ने किया था सोन नदी का निरीक्षण, विस्तृत रिपोर्ट दें खनन विभाग को कार्रवाई के लिखा था पत्र
रवीश कुमार मणि
पटना ( अ सं ) । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीते रविवार को महा गठबंधन सरकार से इस्तीफ़ा देने के बाद बयान दिया की पूर्व की सरकार में असहज महसूस कर रहा था सबकुछ ठीक नहीं चल रहा था । सीएम नीतीश कुमार ने ऐसे ही कुछ नहीं बोला था , बड़ी वजह थी । राजद कोटे के विभागों में गड़बड़ झाला चल रहा है । बानगी के तौर पर खनन विभाग को ही देख लीजिए पटना ज़िले के पांच ठेकेदारों ने बालू का अवैध खनन किया साथ ही कई नियमों का उल्लंघन किया और लगातार कर रहे है । इसको लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट जल संसाधन विभाग ने कार्रवाई के लिए खनन विभाग को पत्र लिखा लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई । यह कहना ग़लत नहीं होगा कि सरकारी सबूत रहने के बावजूद बालू ठेकेदारों को बचाव में अधिकारी बैठे है । जबकि पटना हाईकोर्ट में सरकार ने अपने हलफ़नामे में स्पष्ट कहां था की नदी का नुक़सान नहीं होगा, पर्यावरण को नुक़सान नहीं पहुंचाया जायेगा , अवैध बालू खनन होने पर लापरवाही नहीं होगी । पर्यावरणविद सह पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता माधव राज ने कहां की सोन नदी की स्थिति चिंतनीय है , बालू खनन के लिए बनाएं गये नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है । कई लोगों ने शिकायतें की हैं लेकिन कार्रवाई नहीं करना यह प्रदर्शित करता है की बालू का अवैध खनन मिलीभगत से हो रहा है । सीआ को समय - समय पर निरीक्षण करना चाहिए, जबकि ऐसा नहीं हो रहा है । जल्द ही मैं इस मामले को एनजीटी में ले जाउंगा ।
कार्यपालक अभियंता ने निरीक्षण कर दिया कार्रवाई के लिए विस्तृत रिपोर्ट
शिकायतकर्ता ने विषय उठाया की सोन नदी के बाढ़ सुरक्षा बाँध/ तटबंधों को क्षतिग्रस्त कर नदी के अस्तित्व को समाप्त करने एवं आर्थिक नुक़सान पहुंचाने के संबंध में अविलंब कार्रवाई किया जाएं । सोन बाढ़ सुरक्षा प्रमंडल, खगौल के कार्यपालक अभियंता के नेतृत्व में बीते दिनांक- 12-12-2023 को सोन नदी का निरीक्षण किया गया । इसमें पाया की सभी घाटों पर रिवर एज को बिना अनाप्ति प्रमाण- पत्र ( एनओसी ) लिए काटकर मालवाहक गाड़ियों के आवागमन के लिए पहुंच पथ बनाया गया है , जो बिहार इरिगेशन एक्ट 1997 के चैप्टर 3 कंडिका 10 के विपरीत है । कार्यपालक अभियंता ने बिहार इरिगेशन एक्ट के कंडिका 82 ( h ) तथा 82 (i )का स्पष्ट उल्लेख किया है की बालू खनन ठेकेदारों ने नियमों का उल्लंघन किया है ।
कार्यपालक अभियंता ने ज़िला खनन पदाधिकारी पटना को पत्रांक 1036 / दिनांक 16/12/23 के माध्यम से बताया है की सभी घाटों पर नदी के प्रवाह क्षेत्र में मिट्टी का पथ बिना विशिष्ट के परिचालन हेतु बनाया गया है , जिससे नदी के मूल प्रवाह में रूकावट उत्पन्न किया गया है / सम्भावना है । लगभग सभी घाटों पर नदी के मूल प्रवाह में बांध बनाकर नदी के मूल धारा को निक्षेपित किया जा रहा है , जिससे बाढ़ अवधि में नदी अत्यधिक आक्राम्य होकर नज़दीकी किनारों, तटबंध, गांवों एवं शहरों को प्रभावित कर सकता है । कार्यपालक अभियंता के पत्र में स्पष्ट लिखा है की बिहार इरिगेशन एक्ट 1997 के कंडिका 83( a ) एवं 83 (c ) के तहत संबंधित बालू ठेकेदारों क्रमशः पटना सोन बालू खंड- 3 ( मे राणा इंटरप्राइजेज - मालिक- राणा सौरभ, करसा कोठी, बिक्रम , ज़िला- पटना ) , सोन नदी खंड - 4 ( एक्लब्या स्टोन एंड माइंस प्राइवेट लिमिटेड , मालिक- निधि कुमारी एवं कुमारी प्रीति, पथरा, मुफ्फसिल , ज़िला- नवादा ) सोन नदी बालू घाट - 7 ( मोर मुकुट मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड , निदेशक- लालती देवी , प्लॉट नं- 388/389 बिस्कुट फ़ैक्ट्री मोड़, नासरीगंज, दानापुर जिला - पटना ) सोन बालू घाट संख्या - 8 ( देवेन्द्र इक्यूप्मेंट , प्रो- कंचन कुमार सिंह, एम 448 लक्ष्मी निवास रोड नंबर- 4, कंकरबाग, पटना ) सोन बालू घाट संख्या- 10 ( मालिक संजय कुमार, एकबालगंज निसरपुरा , रानीतालाब, ज़िला- पटना ) ने उल्लंघन किया है एवं दंडनीय अपराध किया है ।
कार्यपालक अभियंता ने निरीक्षण के क्रम में यह पाया की बंदोबस्तधारियों ने बालू का खनन 3 मीटर से ज़्यादा कर जगह - जगह तालाब बना दिया है , जो सीआ के निर्देशित नियम 5 एवं 6 के विपरीत है । जिला खनन पदाधिकारी पटना को लिखे पत्र के माध्यम से कार्यपालक अभियंता ने सभी बंदोबस्तधारियों से स्पष्टीकरण प्राप्त कर कार्रवाई का अनुरोध किया । सुत्रों की मानें तो कुछ ऐसा ही हाल पटना ज़िले के तमाम सोन नदी बालू घाटों का है जहां नियमों का कोई पालन बालू बंदोबस्तधारियों द्वारा नहीं किया जा रहा है । यहां तक की पानी के अंदर से बालू का खनन किया जा रहा है । कार्रवाई के नाम पर संबंधित विभाग लाचार दिख रही है या फिर ……
खनन पदाधिकारी ने मांगा स्पष्टीकरण लेकिन कार्रवाई शून्य
कार्यपालक अभियंता, सोन बाढ़ सुरक्षा प्रमंडल- खगौल के पत्रांक -1036 दिनांक 16/12/2023 का हवाला देते हुए ज़िला खनिज विकास पदाधिकारी सह खनन पदाधिकारी ने संबंधित बालू बंदोबस्तधारियों
सोन बालू खंड- 3 ( मे राणा इंटरप्राइजेज - मालिक- राणा सौरभ, करसा कोठी, बिक्रम , ज़िला- पटना ) , सोन नदी खंड - 4 ( एक्लब्या स्टोन एंड माइंस प्राइवेट लिमिटेड , मालिक- निधि कुमारी एवं कुमारी प्रीति, पथरा, मुफ्फसिल , ज़िला- नवादा ) सोन नदी बालू घाट - 7 ( मोर मुकुट मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड , निदेशक- लालती देवी , प्लॉट नं- 388/389 बिस्कुट फ़ैक्ट्री मोड़, नासरीगंज, दानापुर जिला - पटना ) सोन बालू घाट संख्या - 8 ( देवेन्द्र इक्यूप्मेंट , प्रो- कंचन कुमार सिंह, एम 448 लक्ष्मी निवास रोड नंबर- 4, कंकरबाग, पटना ) सोन बालू घाट संख्या- 10 ( मालिक संजय कुमार, एकबालगंज निसरपुरा , रानीतालाब, ज़िला- पटना ) को अपने पत्रांक- 4485 दिनांक 28-12-23 के माध्यम से स्पष्टीकरण की मांग किया एवं निर्देशित किया की उल्लेखित बिन्दुओं के आलोक में कार्यपालक अभियंता सोन बाढ़ सुरक्षा प्रमंडल खगौल के समक्ष अविलंब अपना पक्ष रखना सुनिश्चित करें एवं ज़िला खनन कार्यालय को भी उसकी प्रति उपलब्ध कराएं ताकि कार्रवाई की जा सकें । कार्यपालक अभियंता सोन बाढ़ सुरक्षा प्रमंडल खगौल ने संबंधित सभी बालू बंदोबस्तधारियों से सीधा संवाद करते हुए दोबारा स्पष्टीकरण की मांग किया है लेकिन डेढ़ माह बीत जाने के बाद भी किसी बालू बंदोबस्तधारी ने कोई जबाब नहीं दिया है ।
सीआ के निर्देशित नियमों एवं शर्तों पर गौर करें तो स्पष्ट उल्लेख है की नदी सुरक्षा बांध/ तटबंध को क्षति नहीं पहुंचाया जाएगा, मूल धारा प्रवाह को प्रभावित नहीं किया जायेगा, तीन मीटर से अधिक खनन नहीं किया जायेगा । खनन पदाधिकारी ऐसा सुनिश्चित करेंगे की इसका उल्लंघन नहीं हो और अगर बालू बंदोबस्तधारी उल्लंघन करते है तो कार्रवाई करेंगे । अब सवाल यह उठता है की जब सोन बाढ़ सुरक्षा प्रमंडल खगौल के कार्यपालक अभियंता ने निरीक्षण रिपोर्ट/ हाल की स्थिति से अवगत कराया तो ज़िला खनन पदाधिकारी ने क्यों कार्रवाई नहीं की । जबकि पटना ज़िला खनन कार्यालय में चार खनन निरीक्षक प्रस्थापित है । क्या माना जाएं की सब के सब ……
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