धूमधाम सेे मनी भारत रत्न मालवीय जयंती
सुमेेेरपुर-हमीरपुुर। वर्णिता संस्था के तत्वावधान में शिक्षा एवं समाज सेवा के धनी भारत रत्न महामना मदनमोहन मालवीय की जयन्ती मनाई गई। संस्था के अध्यक्ष डा. भवानीदीन ने श्रद्धाजंलि देते हुये कहा कि मदनमोहन मालवीय एक महान शिक्षाधर्मी भी थे। इनके शिक्षा के क्षेत्र मे दिये गए योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। इनका जन्म 25 दिसम्बर 1861 को ब्रजनाथ और मूनादेवी के घर प्रयाग मे हुआ था। उन्होंने 1884 में इलाहाबाद के एक सरकारी हाईस्कूल में सहायक अध्यापक के रूप में नौकरी शुरू की। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र मे सर्वाेच्च योगदान 1916 मे बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना करके किया।
यह विश्वविद्यालय एशिया का सबसे बडा आवासीय विश्वविद्यालय है। वह काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में तीन बार कुलपति रहे। इनका स्वाधीनता आंदोलन से लेकर कांग्रेस के अध्यक्ष के रुप मे सराहनीय सहयोग रहा। दि लीडर और हिन्दुस्तान टाइम्स के संस्थापक रहे। कालांतर में इनका 85 वर्ष की उम्र में प्रयाग में 12 नवंबर 1946 को निधन हो गया। कार्यक्रम में अवधेश कुमार गुप्ता एडवोकेट, अशोक अवस्थी, रमेश चंद्र गुप्ता, सिद्धा प्रजापति, बाबू प्रजापति, प्रेम प्रजापति, अवधेश प्रजापति, अरविन्द प्रजापति, रामबाबू धुरिया, रितिक सोनी, बरदानी, सागर, रिकू प्रजापति, संतोष प्रजापति, दस्सी और अभिषेक आदि शामिल रहे।
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