मथुरा में होगा एशिया का सबसे बड़ा गौ विज्ञान अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र
-28 नवंबर को मोहन भागवत कर सकते हैं लोकार्पण
मथुरा। एशिया का सबसे बड़ा गौ विज्ञान अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र मथुरा में होगा। एशिया के सबसे बड़े और अनूठे दीनदयाल गौ विज्ञान, अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र का निर्माण पं. दीनदयाल उपाध्याय की जन्मस्थली दीनदयाल धाम के समीप दीनदयाल गऊ ग्राम परखम हो रहा है। निर्माण पर करीब 20 करोड़ की अनुमानित लागत आ रही है। 28 नवम्बर को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत इसका लोकार्पण कर सकते हैं। यह एक ऐसा अनूठा केंद्र होगा जहां गौवंश नस्ल सुधार, पंचगव्य की गुणवत्ता सुधार पर विश्व स्तरीय शोध कार्य किए जाएंगे। पंचगव्य से मनुष्यों की चिकित्सा, कैंसर जैसे असाध्य रोगों का इलाज वैज्ञानिक पद्धति से किया जायेगा।
गौ विज्ञान अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र गाय से संबंधित विभिन्न विषयों पर शोध कार्य करेगा और गव्य उद्यमिता विकसित करने के लिए प्रशिक्षण भी प्रदान करेगा। यह विश्व पटल पर गौ से मनुष्यों के संवर्धन का उच्चतम मानक स्थापित करेगा। अनुसंधान केंद्र में विभिन्न विश्व स्तरीय लैबों जैसे ट्रांसलेशन रिसर्च सेन्टर, मॉलिक्यूलर बायोलॉजिकल टेस्टिंग लैब और एनीमल लैब का निर्माण किया जायेगा। इस अनुसंधान केंद्र सहित दो सौ करोड़ की लागत से आगामी दो वर्ष में 15 अन्य प्रशिक्षण केंद्र और प्रकल्प भी निर्मित होंगे। कार्य युद्धस्तर पर जारी है। जिसमें एक आयुर्वेदिक पशु चिकित्सा संस्थान बनेगा। यह देश का पहला पशु चिकित्सालय होगा, जहां आयुर्वेद से पशु चिकित्सा का अध्ययन किया जायेगा।
आयुर्वेद से पशुओं की चिकित्सा भी की जायेगी। भारत की पारंपरिक पशु चिकित्सा पद्धति का व्यवहारिक प्रयोग किया जायेगा। एक आयुर्वेदिक चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र होगा। यह चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र आयुर्वेद की वैदिक मान्यता के लिए साक्ष्य आधारित शोध एवं पंचगव्य से मनुष्यों की चिकित्सा इत्यादि पर ध्यान केन्द्रित करेगा। नवाचार विद्यालय यह एक ऐसा विद्यालय होगा जहां विद्यार्थियों में तकनीकी, उत्पाद सेवा, रणनीति, संरचनात्मक, शिक्षा संस्कृति एवं नवाचार को धरातल पर उतारने के लिए प्रेरित और प्रशिक्षित किया जायेगा।
नवाचार से देश का कैसे आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक उत्थान हो, इस विषय पर विद्यालय कार्य करेगा। लोकार्पण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. मोहन भागवत, सरसंघचालक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ होंगे। आशीर्वचन साध्वी ऋतंभरा दीदी मां और मंगला माताजी हंस फाउंडेशन का प्राप्त होगा। शंकर लाल सदस्य, अखिल भारतीय कार्यकारिणी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। लोकार्पण कार्यक्रम को सफल बनाने के स्वयंसेवक घर घर सम्पर्क कर रहे हैं। समिति की ओर से निमंत्रण पत्र भेज दिए गए हैं।
बीवीटीआई होगा एक अनूठा संस्थान
बलभद्र व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थान (बीवीटीआई) एक अनूठा संस्थान होगा जहां कृषि, बागवानी, कृषि अभियांत्रिकी, प्रशीतन प्रौद्योगिकी, भू स्थानिक प्रौद्योगिकी, खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी, डेयरी प्रौद्योगिकी आदि अनुदेशात्मक कार्यक्रम शुरू किये जायेंगे। जहां युवाओं को स्वयं उद्यमी बनाने के लिए योग्य बनाया जायेगा। प्राकृतिक कृषि महाविद्यालय में प्राकृतिक खेती, उसके उत्पादन की दक्षता में सुधार, उत्पाद विपणन आदि पाठ्यक्रमों को स्नातक एवं परास्नातक स्तर पर पढ़ाया जायेगा।
प्रशिक्षण देकर ग्रामीणों की आय में वृद्धि की जाएगी
डेयरी प्रशिक्षण केंद्र के अंतर्गत गाय के दूध की डेयरी खोलना, उसका प्रबंधन, पशु स्वास्थ्य प्रबंधन, चारा प्रबंधन, गाय की डेयरी का अर्थशास्त्र आदि का प्रशिक्षण देकर ग्रामीणों की आय में वृद्धि की जाएगी, जिससे गोवंश का संरक्षण और संवर्धन भी हो सके और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में योगदान भी दिया जा सके। एक गौ अभ्यारण्य होगा, जिसमें गौवंश की सभी प्रजातियां होगीं। जहां देशभर के लोग विभिन्न प्रकार के गौवंश की जानकारी ले पाएंगे और विलुप्त हो रही गौवंश की गौ प्रजातियों का संरक्षण एवं संवर्धन हो सकेगा। यह एक पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित किया जायेगा। गाय के विषय पर एक संक्षिप्त फिल्म बनाई जायेगी जिसका लेजर शो आगंतुकों को दिखाया जायेगा।
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