गोवा से मॉरीशस तक का मुश्किल सफर

गोवा से मॉरीशस तक का मुश्किल सफर

भारतीय नौसेना: भारतीय नौसेना का नौकायन पोत तारिणी  करीब 2 महीने तक समुद्र में अभियान चलाने के बाद रविवार को अपने गोवा बेस पर वापस लौट आया, जहां नेवी के सीनियर अफसरों ने उनका स्वागत किया. 

29 फरवरी को शुरू हुआ अभियान
नौसेना ने यह अभियान इस साल 29 फरवरी को शुरू किया था, जिसका समापन 21 अप्रैल 24 को हुआ. इस दौरान नौकायन पोत तारिणी भारत के गोवा से शुरू होकर मॉरीशस गया और वहां से वापस लौटा.

छोटी बोट पर की लहरों से जंग
इस बोट पर केवल 2 क्रू मेंबर लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के. और रूपा ए. मौजूद थे. भारतीय नौसेना ने इस अभियान को समुद्र में महिला शक्ति के प्रदर्शन में रूप में चलाया गया था. इसका उद्देश्य महिलाओं को बराबरी का मौका देने की प्रतिबद्धता दिखाना था. 

गोवा से मॉरीशस तक का मुश्किल सफर
इस अभियान के दौरान छोटी बोट में सवार होकर महिला अधिकारी आईएनएस मंडोवी (गोवा) से हिंद महासागर में मौजूद पोर्ट लुइस (मॉरीशस) तक गईं और उसी बोट से वापस लौटीं.

कई अभियानों में हो चुकी हैं शामिल
इससे पहले भी दोनों अधिकारी 6 सदस्यीय दल के हिस्से के रूप में गोवा-मॉरीशस अभियान का हिस्सा बन चुकी थीं और 2022 में वापस आई थीं. इसके बाद उन्होंने गोवा से केप टाउन होते हुए रियो डी जनेरियो तक एक अभियान चलाया था और फिर वापस आई थी.

अब सागर परिक्रमा अभियान की तैयारी
लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए ने यह अभियान डबल-हैंडेड मोड में चलाया था. इस ट्रांसओशनिक अभियान को डबल हैंड मोड में पूरा करने वाली वे पहली भारतीय महिला बन गई हैं. अब वे 24 सितंबर से शुरू होने वाले सागर परिक्रमा_IV अभियान की तैयारी कर रही हैं.

 

 

 

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