डीएम ने तहसीलदारों एवं नायब तहसीलदारों के न्यायालय में लम्बित वादों की समीक्षा की
On
डीएम के सख्त निर्देश पर 05 वर्ष से अधिक तहसील कुण्डा में लम्बित 204 वादों किया गया निस्तारण,
प्रतापगढ़- जिलाधिकारी संजीव रंजन द्वारा तहसीलदारों एवं नायब तहसीलदारों के न्यायालय में लम्बित 05 वर्ष से अधिक पुराने नामान्तरण (धारा-34) वादों की समीक्षा की गयी। तहसील कुण्डा के तहसीलदार व नायब तहसीलदार कैम्प कार्यालय में उपस्थित हुये। लगभग 15 दिन पूर्व तहसीलदार कुण्डा के न्यायालय में 28, तहसीलदार न्यायिक के 176, नायब तहसीलदार कुण्डा के 57, नायब तहसीलदार बिहार के 74, नायब तहसीलदार मानिकपुर के 18 व नायब तहसीलदार बाबागंज के 11 कुल 354 नामान्तरण के बाद 05 वर्ष से अधिक अवधि के लम्बित थे परन्तु जिलाधिकारी द्वारा वाद निस्तारण हेतु सख्त निर्देश के कारण अधिकारियों ने लगातार न्यायालय में बैठकर वादकारियों को सुनकर 204 वादों को निपटाया जिससे वर्तमान में तहसील कुण्डा में 5 वर्ष से अधिक अवधि के लम्बित वादों की संख्या 150 रह गयी है।
जिलाधिकारी ने उपरोक्त सभी लम्बित पत्रावलियों को एक-एक करके चेक भी किया। पुराने वादों के निस्तारण में किये गये प्रयास को जिलाधिकारी ने खुले मन से सराहा, साथ ही तहसीलदार धर्मेन्द्र कुमार सिंह व दोनो नायब तहसीलदारों को भविष्य में भी अपने न्यायिक कार्य व कर्तव्य के प्रति सचेत रहकर वादकारियों को ससमय एवं स्वच्छ न्याय देने हेतु निर्देशित किया। ज्ञातव्य है कि जनपद में 05 वर्ष से अधिक पुरानें वादों की संख्या अधिक होने को लेकर जिलाधिकारी ने चिन्ता व्यक्त की थी तथा इतने अधिक समय से नामान्तरण वादों के लम्बित होने के कारणों को जानने के लिये जनपद के तहसीलदारों एवं नायब तहसीलदारों को वाद पत्रावलियों के साथ कैम्प कार्यालय में उपस्थित होने हेतु रोस्टर जारी किया था।
Tags: Pratapgarh
About The Author
Latest News
पूरी नहीं होने देंगे ओबीसी, एससी-एसटी आरक्षण में धर्म के नाम पर सेंधमारी की मंशा : योगी*:
30 Apr 2024 13:52:02
यूपीए सरकार में हुआ था आरक्षण में सेंधमारी का प्रयास, तब सपा-बसपा थीं कांग्रेस की सहयोगी*