सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर ने अंतरिक्ष में किए 150 से ज्यादा प्रयोग

सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर ने अंतरिक्ष में किए 150 से ज्यादा प्रयोग

फ्लोरिडाः स्पेसएक्स का ड्रैगन एयरक्राफ्ट सफलापूर्वक बुधवार को भारतीय समयानुसार सुबह 3.27 बजे के करीब धरती पर उतर आया है। नासा ने इस पूरे मिशन को सफल बताया है। नासा ने कहा कि मिशन का हर एक चरण प्लानिंग और समय के मुताबिक हुआ है। इसके साथ ही इसे निजी क्षेत्र की भागीदारी का एक शानदार उदाहरण भी बताया। नासा ने बताया कि सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर ने अंतरिक्ष में 9 महीने तक रहने के दौरान 150 से ज्यादा प्रयोग किए, जो आगे चलकर मानवता के लिए विभिन्न मिशनों में काम आएंगे। 
 
नासा ने सुनीता विलियम्स, बुच विल्मोर अलेक्जेंडर और अलेक्जेंडर गोर्बुनोव व निक हेग समेत चारों अंतरिक्ष यात्री पूरी तरह सुरक्षित हैं। उनकी मेडिकल जांच कर ली गई है। उन्हें अपने सामान्य जीवन में आने में कुछ वक्त लगेगा। इसके लिए उन्हें अगले कुछ हफ्तों तक मेडिकल टीम की निगरानी में रखा जाएगा। नासा ने बताया कि 8 दिन के बजाय भले ही सुनीता और विल्मोर को 9 महीने तक अंतरिक्ष में रुकना पड़ा, लेकिन इस दौरान वे दोनों वहां खाली नहीं बैठे थे, बल्कि 9 महीने में 900 घंटे काम किया। लिहाजा इसका नतीजा 150 से ज्यादा प्रयोग हैं। 
 
60 घंटे का स्पेस वॉक
अपनी 9 महीने की अंतरिक्ष यात्रा के दौरान भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने लंबे समय तक स्पेस में बिताने के साथ करीब 60 घंटे तक स्पेस वॉक का भी नया रिकॉर्ड बनाया। इस दौरान उन्होंने कई तरह की वैज्ञानिक खोजों को अंजाम दिया। 
 
अमेरिका के 21 हिंदू मंदिरों में हुई प्रार्थना
वर्ल्ड हिंदू काउंसिल ऑफ अमेरिका के अध्यक्ष हैं तेजल शाह ने बताया कि सुनीता विलियम्स और विल्मोर के लिए उनकी वापसी से महीनों पहले अमेरिका के 21 हिंदू मंदिरों में प्रार्थना की गई। विलियम्स ने अपनी भारतीय और स्लोवेनियाई विरासत के बारे में अक्सर बात की है। ह्यूस्टन में विल्मोर के बैपटिस्ट चर्च से भी उनकी सुरक्षित वापसी के लिए प्रार्थना की गई, जहां वे एक एल्डर के रूप में सेवा करते हैं। जिस मैक्सिको की खाड़ी में सफल लैंडिंग हुई, जनवरी में उसका नाम राष्ट्रपति ट्रम्प ने बदलकर अमेरिका की खाड़ी करने के लिए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किया था। नासा ने बताया कि सभी अंतरिक्ष यात्रियों को धरती के अनुकूल करने के बाद उनके प्रियजनों से मिलने की अनुमति दी जाएगी। 
 
Tags: nasa space  

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‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है। 

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