भारत व कनाडा की राजधानी में होगी उच्चायुक्तों की बहाली

प्रधानमंत्री मोदी और मार्क की द्विपक्षीय बैठक में सहमति

भारत व कनाडा की राजधानी में होगी उच्चायुक्तों की बहाली

  • द्विपक्षीय बैठक में रिश्तों में जमी बर्फ के पिघलने की शुरुआत हुई
कनानैस्किस (कनाडा)। भारत और कनाडा ने एक-दूसरे की राजधानियों में उच्चायुक्तों की शीघ्र वापसी के साथ संबंधों में स्थिरता बहाल करने के लिए सोची-समझी और रचनात्मक पहल करने पर सहमति जताई है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की अल्बर्टा प्रांत के कनानैस्किस में आयोजित जी-7 शिखर सम्मेलन के मौके पर हुई द्विपक्षीय बैठक में रिश्तों में जमी बर्फ के पिघलने की शुरुआत हुई है। भारत के विदेश मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने आज कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी से द्विपक्षीय बैठक की। यह दोनों नेताओं के बीच पहली आमने-सामने की बातचीत है। यह मुलाकात प्रधानमंत्री कार्नी के हालिया आम चुनाव के बाद पदभार संभालने के बाद हुई।
 
इस बैठक ने भारत-कनाडा संबंधों की स्थिति और आगे की दिशा पर स्पष्ट और दूरदर्शी चर्चा का अवसर प्रदान किया।विज्ञप्ति के अनुसार, दोनों नेताओं ने साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, कानून के शासन के प्रति सम्मान, और संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांतों को बनाए रखने की प्रतिबद्धता पर आधारित भारत-कनाडा संबंधों के महत्व को दोहराया। उन्होंने परस्पर सम्मान, जन-जन के बीच मजबूत संबंधों, और बढ़ती आर्थिक पूरकताओं पर आधारित एक रचनात्मक और संतुलित साझेदारी की आवश्यकता को रेखांकित किया। इस संदर्भ में दोनों पक्षों ने एक-दूसरे की राजधानियों में उच्चायुक्तों की शीघ्र वापसी के साथ संबंधों में स्थिरता बहाल करने के लिए सोची-समझी और रचनात्मक पहल करने पर सहमति जताई।
 
साथ ही दोनों नेताओं ने विभिन्न क्षेत्रों में विश्वास बहाली और संबंधों में गति लाने के लिए वरिष्ठ मंत्रियों तथा कार्य-स्तरीय संवादों को पुनः: आरंभ करने के महत्व को रेखांकित किया। दोनों पक्षों ने स्वच्छ ऊर्जा, डिजिटल परिवर्तन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, एलएनजी, खाद्य सुरक्षा, महत्वपूर्ण खनिज, उच्च शिक्षा, गतिशीलता और आपूर्ति श्रृंखला जैसी क्षेत्रों में भविष्य के सहयोग के अवसरों पर चर्चा की। उन्होंने एक स्वतंत्र और खुली इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को बढ़ावा देने में साझा रुचि की पुष्टि की। नेताओं ने प्रारंभिक प्रगति व्यापार समझौते (ईपीटीए) पर रुकी हुई वातार्ओं को पुन: शुरू करने के महत्व पर चर्चा की, ताकि व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) का मार्ग प्रशस्त हो सके। उन्होंने अपने-अपने अधिकारियों को इस संबंध में आगे बातचीत का निर्देश दिया।
 
दोनों नेताओं ने जी-7 शिखर सम्मेलन में हुई महत्वपूर्ण प्रगति और जलवायु कार्रवाई, समावेशी विकास, तथा सतत विकास जैसे वैश्विक प्राथमिकताओं पर मिलकर काम करने की साझा इच्छा को स्वीकार किया। प्रधानमंत्री मोदी और मार्क कार्नी ने दोनों देशों के बीच गहरे जनसामान्य संबंधों को रेखांकित किया और इसे दोनों देशों के हित में और बेहतर रूप में उपयोग करने की सहमति जताई। साथ ही संपर्क में बने रहने और शीघ्र ही दोबारा मिलने की इच्छा व्यक्त की।

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