टीबी मुक्त भारत की ओर लखनऊ का संकल्प
सीएमओ ने किया 16 से 30 जून तक विशेष स्क्रीनिंग अभियान का शुभारम्भ
लखनऊ। टीबी (क्षय रोग) से मुक्त किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसके क्रम में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम अन्तर्गत विविध गतिविधियां संचालित की जा रहीं हैं। जिसमें जनभागीदारी सुनिश्चित करते हुए समाज के सभी वर्गों को अभियान का हिस्सा बनाकर टीबी रोगियों की पहचान व उनका इलाज शुरू कराएं जाने के उद्देष्य के साथ जनपद की मलिन बस्तियों बेसहारा और झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों,अनाथालय वृद्धाश्रम कारागार मदरसा इत्यादि सघन आवासित क्षेत्रों में टीबी की स्क्रीनिंग के लिए 16 से 30 जून तक विशेष अभियान प्रारम्भ किया गया है।
अभियान का शुभारम्भ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एन.बी. सिंह ने नगरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रेड क्रॉस लखनऊ में फील्ड टीमों को हरी झण्डी दिखाकर क्षेत्र में रवाना करते हुए किया गया। टीबी स्क्रीनिंग के अभियान का शुभारम्भ करते हुए सीएमओ द्वारा बताया गया कि इस अभियान में दस प्रकार की चिन्हित उच्च जोखिम वाली जनसंख्या वाले क्षेत्रों में टीबी की स्क्रीनिंग की जाएगी।
उच्च जोखिम वाली जनसंख्या में 60 वर्ष से अधिक आयु के लोग, कुपोषित डायबिटीज के रोगी, एचआईवी ग्रसित लोग, इलाज पूरा करा चुके टीबी रोगी, इलाज करा रहे टीबी रोगियों के साथ रहने वाले लोग, वृद्धाश्रम निर्माणाधीन भवन ईंट भट्टे पर काम करने वाले लोग, कारागार व मलिन बस्तियों में रहने वाले लोग शामिल हैं।
फील्ड की टीमों को सम्बोधित करते हुए सीएमओ द्वारा बताया गया कि प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने के लिए हम सभी को अपना सर्वोत्तम प्रयत्न करते हुए निर्धारित गाइडलाइन के अनुरूप शत-प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त कर सभी सम्भावित क्षय रोगियों की कार्यक्रम अन्तर्गत जांच कराते हुए क्षय रोग से ग्रसित पाए गए रोगियों का अविलम्ब इलाज प्रारम्भ करवाकर निक्षय पोषण योजना का नियमानुसार डीबीटी के माध्यम से लाभ सुनिश्चित कराया जायेगा।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. ए.के. सिंघल द्वारा बताया कि अभियान अन्तर्गत जनपद में कुल 293 घर-घर भ्रमण दलों के कुल 586 सदस्यों द्वारा जनपद के सभी चिन्हित क्षेत्रों में टीबी स्क्रीनिंग का कार्य कराये जाने की कार्ययोजना बनाई गई है। घर-घर भ्रमण दलों का पर्यवेक्षण यूनिट पर्यवेक्षकों के साथ-साथ जनपद स्तर से सुनिश्चित किया जायेगा।
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