जिले से छोटे देश साइप्रस का मोदी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान

भाजपा ने कहा, ‘यह भारत के लिए गौरव का क्षण’ 

जिले से छोटे देश साइप्रस का मोदी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान

नयी दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को साइप्रस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिलने पर इसे ‘भारत के लिए गौरव का क्षण’ बताया और कहा कि देश के इतिहास में किसी अन्य प्रधानमंत्री ने वैश्विक मंच पर उनके जितना ‘निर्णायक प्रभाव’ नहीं डाला है। यहां भाजपा मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री के नेतृत्व और योगदान के लिए उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस तृतीय’ से सम्मानित किया। 
 
उन्होंने कहा कि यह 23वां ऐसा अंतरराष्ट्रीय सम्मान है जो मोदी को अब तक विभिन्न देशों से मिला है। वरिष्ठ भाजपा नेता ने संवाददाताओं से कहा, ‘यह हम सभी के लिए खुशी और गर्व का क्षण है कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 23वां ऐसा सम्मान मिला है। लेकिन यह नही बताया कि साइप्रस की कुल सकल घरेलू उत्पाद भारत के किसी भी जिले के बराबर भी नही हैं। साइप्रस की आवादी 13 लाख है। जितना GDP उसका  कुल है उससे ज्यादा BJP के चुनाव में खर्च होता है।
 
बाद में सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में भी उन्होंने लिखा, ‘यह सम्मान भारत की आर्थिक ताकत के उदय और वैश्विक समुदाय में कूटनीतिक दृढ़ता का प्रमाण है।’ मोदी को साइप्रस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिए जाने की सराहना करते हुए भाजपा ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘भारत के इतिहास में किसी भी प्रधानमंत्री ने वैश्विक मंच पर नरेन्द्र मोदी जितना निर्णायक प्रभाव नहीं डाला है।’’
 
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि यह प्रतिष्ठित सम्मान भारत और साइप्रस के बीच आपसी विश्वास, सम्मान और समान आकांक्षाओं पर आधारित स्थायी मित्रता को दर्शाता है। गडकरी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘यह हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी को इस बात पर बहुत गर्व है कि हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को साइप्रस के सर्वोच्च सम्मान, ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस तृतीय’ से सम्मानित किया गया है।’’ केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि साइप्रस द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्रदान करना ‘‘भारत और उसके लोगों के लिए बहुत गर्व और खुशी की बात है।’’ 
 

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‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है। 

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