राम मंदिर निर्माण में ईंट भेजने वाले आजम खान ने कब्रिस्तान पर खड़ा कर दी बहुमंजिला इमारत
-मुस्लिम कार सेवक मंच का सदस्य हैं आरोपी
-एलडीए के ज़ोन पांच का मामला -आरटीआई एक्टिविटिस्ट की शिकायत पर हुई थी कार्रवाई
लखनऊ। राम मंदिर निर्माण में ईंट भेजने वाले आजम खान कब्रिस्तान पर खड़ा कर दी बहुमंजिला इमारत खड़ा कर दी। मामले की शिकायत हुई तो एलडीए के जोन पांच में एलडीए ने बिल्डिंग गिराने का आदेश जारी कर दिया। बिल्डिंग सील की। वहीं आदेश जारी होने के बाद एलडीए के अधिकारियों से गठजोड़ के चलते आगे की कार्रवाई करना भूल गया। यही कारण है कि बिल्डर के हौसले बुलंद हो गए। उसने बिल्डिंग की सील तोड़कर काम करना शुरू कर दिया। यह पूरी कार्रवाई आरटीआई एक्टिविटिस्ट लक्ष्मीकांत की शिकायत पर हुई। वहीं, एलडीए ने लक्ष्मीकांत सिंह का नाम भी झूठी शिकायतकर्ताओं की सूची में भी डाल दिया है। अब ऐसे में निष्पक्ष कार्रवाई पर भी सवाल उठने शुरू हो गए हैं।
दरअसल,एलडीए के जोन पांच में कुर्सी रोड स्थित शंकरपुरवा वार्ड के गायत्री नगर डीडी लॉन के सामने स्टार प्लाजा के पास एक भूखंड पर मोहम्मद आजम द्वारा एक बहुमंजिला इमारत का निर्माण किया गया है। यह वहीं आजम खान है जिन्होंने राम मंदिर निर्माण के दौरान लगभग तीन हजार ईंट भेजकर खुद को मीडिया की सुर्ख़ियों में चर्चित कर लिया था। इस भूखंड के अवैध निर्माण की शिकायत आरटीआई एक्टिविटिस्ट लक्ष्मीकान्त सिंह ने की थी। शिकायत के बाद बिल्डिंग को सील किया गया था। एलडीए अधिकारियों की मिलीभगत से मोहम्मद आजम ने सील बिल्डिंग को खोलकर काम करवाना शुरू कर दिया। इस मामले के शिकायत जब उच्च अधिकारियों से हुई तो मोहम्मद आजम के खिलाफ जानकीपुरम थाने में मुकदमा भी दर्ज हुआ था। पूरा मामला एलडीए की कोर्ट में चला। इस मामले में बीते 16 मई 2025 को एलडीए के सक्षम प्राधिकारी सोमकमल सीताराम ने बिल्डिंग गिराने का आदेश जारी करते हुए,अवैध निर्माण को स्वयं हटा लेने के आदेश मोहम्मद आजम को दिए थे। शिकायतकर्ता लक्ष्मीकांत का कहना है कि बिल्डिंग गिराने का आदेश जारी होने के बावजूद बिल्डर एलडीए अधिकारियों से सांठगांठ कर बिल्डिंग में काम करवा रहा है। उन्होंने इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से भी की है। इस मामले में बिल्डिंग गिराने का आदेश पारित करने वाले सोमकमल सीताराम का कहना है कि मामले में जोनल अधिकारी द्वारा ही कार्रवाई की जायेगी। वहीं इस मामले में जोनल अधिकारी पांच से सम्पर्क किया गया,किन्तु उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
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