भारत 2026 तक नक्सलवाद से होगा मुक्त: शाह

केंद्रीय गृह मंत्री ने नव चयनित आरक्षियों को सौंपे नियुक्ति पत्र

भारत 2026 तक नक्सलवाद से होगा मुक्त: शाह

देश का सबसे बड़ा है यूपी पुलिसबल

  • योगी  को बताया प्रदेश का सबसे सफल मुख्यमंत्री
  • मोदी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रूख अपनाया
  • योगी सरकार के तहत कानून व्यवस्था में हुआ सुधार
  • पारदर्शी भर्ती और तकनीक के योगदान की सराहना

लखनऊ। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि 11 राज्यों में फैला नक्सलवाद अब केवल तीन जिलों तक सीमित रह गया है और 31 मार्च 2026 तक भारत पूरी तरह नक्सलवाद मुक्त हो जाएगा। आतंकवाद के खिलाफ भी मोदी सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। पाकिस्तान के तीन आतंकी हमलों का प्रयास किया गया, लेकिन भारत ने हर बार मुंहतोड़ जवाब दिया और आतंकियों के ठिकानों को नष्ट किया। शाह ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय वायुसेना ने आतंकियों के मुख्यालयों को ध्वस्त कर दिया।

केन्द्रीय गृह मंत्री रविवार को लखनऊ में वृंदावन योजना, सेक्टर 18 स्थित डिफेंस एक्स्पो ग्राउंड पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम में 60,244 नव चयनित पुलिस कार्मिकों को नियुक्ति पत्र वितरित किये गये। अपने संबोधन में अमित शाह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पारदर्शी और समावेशी भर्ती प्रक्रिया के लिए जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ सबसे सफल मुख्यमंत्री हैं। योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश पुलिस ने न केवल भर्ती प्रक्रिया को निष्पक्ष और योग्यता आधारित बनाया, बल्कि हर जाति, जिले और तहसील के युवाओं को अवसर प्रदान कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। शाह ने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि इन नियुक्तियों में न खर्च, न पर्ची, न सिफारिश और न ही जाति के आधार पर कोई भेदभाव हुआ, बल्कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और योग्यता के आधार पर संपन्न हुई।

अमित शाह ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस देश का सबसे बड़ा पुलिसबल है और आज 60,244 युवा इसके अभिन्न अंग बन रहे हैं। उन्होंने इस दिन को नवनियुक्त कार्मिकों के जीवन का सबसे शुभ दिन करार देते हुए कहा कि यह गौरव का क्षण है। शाह ने बताया कि इनमें 12 हजार से अधिक बेटियां भी शामिल हैं, जिनके चेहरों पर खुशी देखकर उन्हें अपार सुकून मिला। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए आरक्षित पदों का शत-प्रतिशत लाभ उत्तर प्रदेश में सुनिश्चित किया गया है, जो योगी सरकार की एक बड़ी उपलब्धि है।

केन्द्रीय मंत्री शाह ने उत्तर प्रदेश में 2017 के बाद आए बदलावों की चर्चा करते हुए कहा कि आजादी के बाद से उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था लगातार बिगड़ती रही थी, लेकिन 2017 में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा सरकार बनने के बाद यूपी पुलिस ने नई बुलंदियों को छूना शुरू किया।  केंद्रीय गृह मंत्री ने भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर विशेष जोर दिया।

उन्होंने कहा कि तकनीक के उपयोग, जैसे कि कैमरे, कंट्रोल रूम, कमांड सेंटर, पीसीआर वैन और 150 से अधिक ऑन-व्हील फॉरेंसिक साइंस लैब वैन ने इस प्रक्रिया को और निष्पक्ष बनाया है। शाह ने दावा किया कि 60,244 युवाओं में से किसी को भी एक पाई की रिश्वत नहीं देनी पड़ी, जो किसी भी शासन की सबसे बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि यह भर्ती प्रक्रिया न केवल पारदर्शी थी, बल्कि इसमें हर वर्ग और क्षेत्र का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया गया।शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में पुलिस बल के आधुनिकीकरण की दिशा में किए गए प्रयासों की भी चर्चा की।

उन्होंने कहा कि भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, और भारतीय साक्ष्य संहिता जैसे नए कानूनों के लागू होने से अगले पांच वर्षों में देश में ऐसी व्यवस्था बनेगी, जिसमें किसी भी एफआईआर से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक का न्याय तीन साल के भीतर मिल सकेगा। इसके अलावा, सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स), आईसीजेएस (इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम) और फॉरेंसिक साइंस जैसी तकनीकों ने पुलिस व्यवस्था को और मजबूत किया है। सत्यम नायक, प्रेम सागर, शालिनी शाक्य, उपेन्द्र कुमार यादव, शिल्पा सिंह, दीनू बाबू, योगेन्द्र सिंह, शिवांश पटेल, मनीष त्रिपाठी, रोशन जहां, आजाद कुशवाहा, मिथिलेश भट्ट, सोनी रावत, नेहा गोंड, सचिन सैनी को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नियुक्ति पत्र सौंपे।

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