सरस्वती विद्या मंदिर गुमला में वीर बाल दिवस कार्यक्रम का आयोजन
गुमला। सरस्वती विद्या मंदिर गुमला में मंगलवार को वीर बाल दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कक्षा दशम तथा द्वादश के भैया बहनों ने गुरु गोविंद सिंह के चारों बेटे फतेह सिंह, जोरावर सिंह, जुझार सिंह तथा अजीत सिंह के बलिदानों को याद करते हुए सभा कक्ष के माहौल को गमगीन बना दिया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि महेंद्र सिंह ने कहा कि वीर बाल दिवस खालसा के चार साहिबजादों के बलिदान को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। अंतिम सिख गुरु गोबिंद सिंह के छोटे बच्चों ने अपने आस्था की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। औरंगजेब ने गुरु गोविंद सिंह मुकाबला करने के लिए उनके पीछे वजीर खान को लगाया था। उसे सरहिंद का सूबेदार बना कर भेजा गया और सिखों का दमन की खुली छूट दी गई। गुरु गोविंद सिंह को उसके साथ कई युद्ध लड़ने पड़े। सतलुज से लेकर यमुना नदी के बीच के पूरे क्षेत्र पर वजीर खान का ही शासन चलता था। उसने गुरु गोविंद सिंह के 5 और 8 वर्षीय बेटों साहिबजादा फ़तेह सिंह और साहिबजादा जोरावर सिंह को ज़िंदा पकड़ लिया था। इस्लाम न अपनाने पर उसने दोनों को ही दीवार में ज़िंदा चुनवा दिया। ये भी एक संयोग ही है कि वजीर खान का संहार करने वाले सिख योद्धा का नाम भी फ़तेह सिंह ही था, जो बन्दा सिंह बहादुर की सेना में थे। उन्होंने वजीर खान का सिर धड़ से अलग कर दिया था। इसे ‘चप्पर-चिड़ी’ के युद्ध के रूप में जाना जाता है।
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