हर दवा दुकान पर चस्पा होने वाली है दवा के दाम की सूची

हर दवा दुकान पर चस्पा होने वाली है दवा के दाम की सूची

नई दिल्ली। सही दामों पर मरीजों को दवा दिलाने के लिए सरकार ने सख्त फैसला किया है। जल्द ही केमिस्ट और थोक विक्रेताओं के साथ-साथ ई फार्मेसी पर भी दवाओं की मूल्य सूची दिखाई देगी। दवा उत्पादन करने वाली फार्मा कंपनियों को यह सूची विक्रेताओं तक उपलब्ध करानी होगी ताकि वे तय कीमत से अधिक दाम पर मरीजों को नहीं बेची जा सकें। इसमें वे सभी दवाएं शामिल हैं जिनकी अधिकतम कीमत सरकार ने तय की है। हर दवा दुकान पर चस्पा होने वाली इस सूची में मरीज या तीमारदार कभी भी अपनी दवा के मूल्य की जांच कर सकेंगे।
 
एनपीपीए ने आदेश जारी कर दी जानकारी
सोमवार को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने जारी आदेश में कहा है कि औषधि (मूल्य नियंत्रण) आदेश- 2013 के तहत प्रत्येक दवा निर्माता को मूल्य सूची जारी करना अनिवार्य है। विक्रेताओं के अलावा उन्हें यह सूची राज्य औषधि नियंत्रण संगठन और सरकार के साथ भी साझा करनी होगी। इसी सूची को थोक दवा विक्रेता और केमिस्ट को अपनी दुकान पर चस्पा करना आवश्यक होगा।
 
देखा जाए तो मौजूदा समय में, इंटरनेट के जरिए कई वेबसाइट और मोबाइल एप घर बैठे दवा आपूर्ति कर रहे हैं जिन्हें ई फार्मेसी के रूप में पहचाना जाता है। ये सभी प्लेटफॉर्म भी इस नियम के दायरे में आते हैं और इन्हें भी दवाओं की मूल्य सूची को अपने प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराना आवश्यक है। एनपीपीए के उपनिदेशक राजेश कुमार टी ने तत्काल इन निर्देशों का पालन करते हुए दवा दुकानों पर मूल्य सूची चस्पा करने का आदेश जारी किया है।
 
3,111 दवाओं की खुदरा कीमतें तय
दरअसल, भारत में दवाओं की कीमतें तय करने का काम राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) करता है जो दवा (मूल्य नियंत्रण) आदेश-2013 के तहत कुछ दवाओं की अधिकतम कीमत तय करने का फैसला करता है। अगर कोई दवा उत्पादक ज्यादा कीमत पर दवा बेचता है, तो उससे वसूली की जाती है। 31 दिसंबर 2024 तक डीपीसीओ 2013 नियम के तहत करीब 3,111 नई दवाओं के लिए खुदरा कीमत तय की गई है।
 
इनमें कैंसर से लेकर कार्डियोवास्कुलर, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, क्रोनिक किडनी रोग, एचआईवी, न्यूरोलॉजिकल विकार, मनोरोग विकार, एनाल्जेसिक, ज्वरनाशक, गैर-स्टेरॉयड और सूजन रोधी दवाएं शामिल हैं।
 
इस तरह देश में तय किया जाता है दवाओं का मूल्य  
एनपीपीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फार्मा कंपनियां दवा बनाती हैं। लागत और मुनाफा जोड़कर वे इनको थोक विक्रेताओं तक पहुंचाती हैं। थोक विक्रेता करीब 16 फीसदी मार्जिन के साथ इन्हें रिटेलर को देते हैं, जो करीब 8 फीसदी और मार्जिन जोड़कर उन्हें मरीजों को बेचते हैं। इस पूरी शृंखला के बीच एनपीपीए मूल्य नियंत्रण का कार्य करता है।
 
इसलिए सख्ती जरूरी
दवा उत्पादन व बिक्री को लेकर सख्त नियम हैं, पर इनका उल्लंघन भी काफी होता है। जो दवाएं मूल्य नियंत्रण के दायरे में हैं उनकी बिक्री की निगरानी के लिए सभी राज्यों में प्राइस मॉनिटरिंग एंड रिसोर्स यूनिट है। नवंबर-दिसंबर, 2024 में 16 राज्यों में कुल 237 मामले दर्ज हुए हैं जिनमें ग्राहक से तय से अधिक की वसूली की गई। जनवरी से दिसंबर के बीच ऐसे 2,258 मामले दर्ज किए गए।

 

About The Author

Tarunmitra Picture

‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है। 

अपनी टिप्पणियां पोस्ट करें

टिप्पणियां

Latest News

बलूचिस्तान की स्वतंत्रता के दावे से पाकिस्तान में खलबली बलूचिस्तान की स्वतंत्रता के दावे से पाकिस्तान में खलबली
क्वेटा। भारत के जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बाईस अप्रैल को आतंकवादी हमला करवाकर पाकिस्तान बुरी तरह फंस गया है। इस...
राजस्थान सीमा पर हालात पर गहलोत बोले  सेना दे रही मुंहतोड़ जवाब
कोलकाता आईआईटी खड़गपुर आत्महत्या मामला : छात्र की मौत पर दर्ज होगी एफआईआर
उडी में पाकस्तिानी गोलाबारी की चपेट में आने से एक महिला की मौत
सांबा जिले में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर एक बड़ी घुसपैठ की कोशिश नाकाम
पाकिस्तानी हमले का भारतीय सुरक्षाबलों ने दिया मुहतोड़ जवाब
मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना का उठाएं लाभ गरीब परिवार