अरबों की सरकारी जमीन, हेराफेरी में फंसे कई अफसर-डीलर!

एडीएम प्रशासन की तहरीर पर वजीरगंज थाने में मुकदमा दर्ज

अरबों की सरकारी जमीन, हेराफेरी में फंसे कई अफसर-डीलर!

  • चकबंदी अधिकारी, तहसील कमिर्यों व प्रॉपर्टी डीलरों की सांठगांठ

लखनऊ। सरोजनीनगर में अरबो की सरकारी बंजर जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाकर खरीद बिक्री के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। एडीएम प्रशासन की तहरीर पर चकबंदी अधिकारी सहित कई प्रॉपर्टी डीलरों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। दरअसल, चकबंदी अधिकारियों, तहसील कर्मचारियों और प्रॉपर्टी डीलरों की सांठगांठ से अरबों रुपये की बंजर व तालाब की भूमि के फर्जी दस्तावेज तैयार कर प्रॉपर्टी डीलरों के नाम दर्ज करा दी। इस जमीन की कीमत बाजार दर के आधार पर करीब 200 करोड़ आंकी गई है। जोत चकबंदी में हेराफेरी की शिकायत पर एडीएम प्रशासन डॉ. शुभी सिंह ने जांच कराई तो फजीर्वाड़े की परत दर परत खुलती चली गई। जांच रिपोर्ट के बाद दो चकबंदी अधिकारी, दो कानूनगो (वर्तमान पद चकबंदीकर्ता), एक लेखपाल और तीन प्रॉपर्टी डीलरों के खिलाफ वजीरगंज थाने में जालसाजी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

एडीएम प्रशासन के आदेश पर सरोजनीनगर तहसील में तैनात चकबंदीकर्ता राजेश कुमार जायसवाल ने चकबंदी लेखपाल हंसराज वर्मा, चकबंदीकर्ता पारसनाथ, गया प्रसाद वर्मा, सहायक चकबंदी अधिकारी अरविंद कुमार श्रीवास्तव, तत्कालीन चकबंदी अधिकारी राजेंद्र शंकर सिंह, प्रॉपर्टी डीलर नियाज, कमरुन निशा और सईदुन्निशा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। आरोपियों ने कल्ली पश्चिम स्थित गाटा संख्या 4466, 1475, 1540 और 1551 के करीब 66 बीघा पांच बिस्वा जमीन की फर्जी कागज तैयार कराए थे। जिसमें चकबंदी अधिकारी, सहायक चकबंदी अधिकारी, चकबंदीकर्ता और लेखपाल ने प्रॉपर्टी डीलर की मदद करते हुए जोत बही में 66 बीघा पांच बिस्वा जमीन उनके नाम दर्ज कर दी। 

इस फर्जीवाड़े की जानकारी होने पर जिलाधिकारी ने एडीएम प्रशासन डॉ. शुभी सिंह को जांच का आदेश दिया। जांच में सामने आया कि लेखपाल, तत्कालीन चकबंदी अधिकारी, सहायक चकबंदी अधिकारी और चकबंदीकतार्ओं ने करीब 66 बीघा जमीन खुर्दबुर्द कर दी। जमीन पर दावा नहीं कर सके पेश ग्राम समाज की जमीन के साथ तालाब और बंजर के नाम जोत बही में दर्ज थी जिसे फर्जी कागज बना कर आरोपितों ने प्रॉपर्टी डीलरों के नाम कर दिया। 

जांच के दौरान प्रॉपर्टी डीलर नियाज, सइदुन्निशा और कमरुनिशा जमीन पर दावा पेश नहीं कर सके। एडीएम प्रशासन डॉ. शुभि सिंह का कहना है कि मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। जांच में आगे अगर दूसरे अफसरों की भूमिका पाई जाएगी तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।

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