अवैध खनन व फ़र्ज़ी चालान पर बड़े पैमाने में बालू स्टॉक , सिस्टम बना धृतराष्ट्र एनआईसी की भूमिका संदिग्ध
प्रावधान में सीसीटीवी लेकिन गलत करने के लिए व्यवहार से किया गया ग़ायब , एक्टिव नहीं था जीपीएस तो कैसे कटा चालान
बिना जीपीएस वाले ट्रैक हाइवा ट्रैकर से किया गया बालू स्टॉक, मोटरसाइकिल, ऑटो, ई- रिक्शा से ढुलाई हुई बालू
बालू चालान व मालवाहकों गाड़ी के जीपीएस के मिलान में भारी अंतर, बिक्रम में बड़े पैमाने में बालू स्टॉक का 80% अरवल जिला का फ़र्ज़ी चालान
>> अधिवक्ता मणिभूषण प्रताप सेंगर ने मुख्य सचिव से लेकर ज़िलाधिकारी व अन्य जांच एजेंसियों तक लिखा शिकायत पत्र , ईओयू ने टीम किया गठित
रवीश कुमार मणि
पटना (अ सं)। स्कूटर मोटरसाइकिल पर दो व्यक्ति को परिवहन करने का नियम है , ट्रिपल लोड नियमतः गलत है लेकिन बोझ उठा लेता है । मोटरसाइकिल पर 4 लाख किलो ( 1000 सीएफटी) भार ढोया जा सकता है यह सुनने में अटपटा लग रहा होगा, परंतु ऐसा कारनामा हुआ है और बिहार विधानसभा पटल पर तत्कालीन महालेखाकार राम अवतार शर्मा ने रिपोर्ट पेश किया था सभी चौंक गये थे । उन्होंने बताया था की बालू माफियाओं ने मोटरसाइकिल, स्कूटर, ई- रिक्शा, ऑटो, कार पर 1000 सीएफटी बालू ( 4 लाख किलो ) ढुलाई किया गया वह भी एक मोटरसाइकिल से एक बार नहीं बल्कि एक दिन में 100 बार से अधिक । ए जी राम अवतार शर्मा के रिपोर्ट के बाद खूब हो हंगामा हुआ था । चुकी असंभव को संभव कर दिखाया था ब्रॉडसन कंपनी ने । ए जी रिपोर्ट में बताया गया की 385 करोड़ का घोटाला हुआ है । इस मामले की जांच ईओयू और ईडी कर रही है । उक्त मामला अभी अपने मुकाम तक पहुंच पाता की एक और बड़े घोटाला और फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है ।लेकिन खनन विभाग कार्रवाई के जगह बालू कारोबारियों व बालू माफियाओं को बचाने की क़वायद कर रही है ।अधिवक्ता मणिभूषण प्रताप सेंगर ने बड़े पैमाने पर हुए घोटाला व फर्जीवाड़ा की जांच के लिए मुख्य सचिव, प्रधान सचिव खनन विभाग, ज़िलाधिकारी- पटना, बालू मामले की जांच कर रही ईओयू व ईडी को लिखित शिकायत किया है । अब देखना है की कार्रवाई होती है या नहीं ।
अरवल के चालान पर बिक्रम में बड़े पैमाने पर बालू स्टॉक जीपीएस सिस्टम फेल , पकड़ में नहीं आएं नहीं लगाए गये सीसीटीवी
बिहार का सबसे बड़ा बालू मंडी पटना के बिक्रम स्थित 139 नेशनल हाईवे पर है । एक लाइन से बालू का पहाड़ खड़ा कर दिया गया है । बिक्रम में बालू स्टॉक का 80% अरवल जिला से किया गया है । बालू स्टॉक का चालान भी अरवल जिला से ही निर्गत है । सुत्रों की मानें तो चालान में जो मालवाहक गाड़ी- हाइवा, ट्रक, ट्रैक्टर नंबर अंकित है उसमें 55-60% गाड़ियों का जीपीएस एक्टिव नहीं था । अब सवाल उठता है की जब गाड़ी का जीपीएस सिस्टम फेल था तो चालान कैसे कटा । चुकी जीपीएस एक्टिव गाड़ी को ही बालू चालान देना था और इसकी निगरानी एनआईसी को करना था । इसके साथ ही बालू स्टॉक स्थल ( मध्यम और उच्च के लाइसेंस ) पर सीसीटीवी लगाना अनिवार्य था और इसका कमांड खनन मुख्यालय से जोड़ना था । बालू भंडारण पर जो भी ट्रक हाइवा आता और बालू स्टॉक होता वह सीसीटीवी में क़ैद होता । इससे यह पता चलता की जो बालू लदा गाड़ी स्टॉक पर आ रहा है और जहां से चालान निर्गत है वह सही है या नहीं और जीपीएस पर चालान स्थल ( बालू घाट ) और बालू स्टॉक पर सही तरीक़े से आ रहा है या नहीं लेकिन प्रावधान के बावजूद किसी बालू स्टॉक पर सीसीटीवी नहीं लगाया गया , जिसके कारण अवैध बालू खनन कर चोरी से बालू बड़े पैमाने पर बालू स्टॉक किया गया और फिर दूसरे जिले अरवल से एक मुस्त चालान ले लिया गया ।एक गाड़ी नें एक समय पर 20 बार अरवल - बिक्रम कर चौंकाने वाला काम किया है । पकड़ में न आएं इसके लिए ट्रक हाइवा का जीपीएस जानबूझकर फेल किया गया ।
चालान में मोटरसाइकिल, कार , ई - रिक्शा नंबर की गुंजाइश, जमकर फर्जीवाड़ा
बालू कारोबारियों व बालू माफियाओं को खनन विभाग खुलेआम लूट की छूट देती रहीं है । जैसे बालू माफिया चाहते हैं उस तरह का प्रावधान बना दिया जाता है , आम जनता की कौन सुनता है । इसका ख़ुलासा अगले कड़ी में करेंगे । सुत्रों की मानें तो बालू स्टॉक में लूट के साथ बड़े स्तर पर पटना , अरवल , औरंगाबाद जिले में धांधली किया गया है । एक- एक बातों को सामने लाएंगे । पटना जिले के बिक्रम में बिहार का सबसे बड़ा बालू मंडी है । लाइसेंस के अनुसार बालू स्टॉक करने की निर्धारित मात्रा तय की गयी है । स्टॉक पर चालान के अनुसार बालू की मात्रा है की नही । प्रति माह स्टॉक लाइसेंसधारियों को जिला खनन कार्यालय को हिसाब देना है और उसे खनन पदाधिकारी द्वारा प्राधिकृत पदाधिकारी द्वारा सत्यापन कराना है । सुत्रों की मानें तो बिक्रम में जो बालू स्टॉक है उसे ट्रक हाइवा के बजाय मोटरसाइकिल, कार , ई- रिक्शा से ढुलाई की गयी है । बालू बंदोबस्तधारी ने जो चालान निर्गत किया है उसपर मोटरसाइकिल, कार और ई - रिक्शा का नंबर अंकित है।
लीगल नोटिस व सूचना अधिकार का नहीं दिया जबाब , अब कोर्ट पहुंचेगा मामला
अवैध बालू खनन , अवैध बालू स्टॉक, अवैध बालू कारोबार को लेकर अधिवक्ता मणिभूषण प्रताप सेंगर ने खनन विभाग के प्रधान सचिव, पटना ज़िलाधिकारी, जिला खनन पदाधिकारी पटना को कार्रवाई के लिए लिखित शिकायत किया । इसके बाद शिकायत आवेदन पर क्या कार्रवाई की गयी सूचना अधिकार तक मांग किया । कोई सूचना नहीं मिलने पर लीगल नोटिस दिया लेकिन इसके बावजूद भी कोई जबाब नहीं दिया गया । अधिवक्ता मणिभूषण प्रताप सेंगर ने बताया की उक्त अधिकारियों ने भ्रष्टाचार कृत करने के लिए सोची समझी साजिश के तहत कोई जबाब नहीं दिया है ।और अवैध बालू खनन व कारोबार करने के लिए छूट दिया है । उक्त अधिकारियों ने अपने कर्तव्यों का सही पालन नहीं किया है और लोक सेवक अधिनियम का उल्लंघन किया है । नये बीएनएस कानून में ऐसा प्रावधान है की कोई भी लोक सेवक अगर कर्तव्यों का पालन नहीं कर किसी को लाभ पहुँचाने के लिए जानबूझकर कर लापरवाही किया है उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किया जायेगा । केस के सुनवाई के बाद सजा का प्रावधान है । लीगल नोटिस और सूचना अधिकार का जबाब उक्त अधिकारियों ने नहीं दिया है नये बीएनएस कानून के तहत कोर्ट में कंप्लेन फाइल करूँगा ।
टिप्पणियां