राज्यपाल ने मेधावी छात्रों को किया सम्मानित

 शिक्षा को बताया राष्ट्र निर्माण का आधार

राज्यपाल ने मेधावी छात्रों को किया सम्मानित

शिमला । हिमाचल शिक्षा समिति द्वारा राजधानी शिमला के सरस्वती विद्या मंदिर में आयोजित दो दिवसीय मेधावी छात्र सम्मान वर्ग कार्यक्रम का शुभारंभ रविवार को राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेशभर के 48 विद्यालयों से आए 154 मेधावी छात्रों को सम्मानित किया। इनमें हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड की 10वीं और 12वीं कक्षा के टॉप प्रदर्शन करने वाले छात्र शामिल थे।

राज्यपाल ने कहा कि यह सम्मान समारोह केवल पुरस्कार वितरण नहीं, बल्कि परिश्रम, अनुशासन, संस्कृति और सेवा भावना से जुड़ी सच्ची शिक्षा को प्रोत्साहित करने का माध्यम है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में ऐसे युवाओं की आवश्यकता है जो केवल अपने भविष्य की चिंता न करें, बल्कि समाज और राष्ट्र के हित में भी योगदान दें। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे शिक्षा को नौकरी का माध्यम न समझें, बल्कि इसे आत्मनिर्भरता और राष्ट्र निर्माण की दिशा में प्रयुक्त करें।

राज्यपाल ने कहा, “सच्ची सफलता वही है जिसमें समाज की सेवा जुड़ी हो, ज्ञान तभी उपयोगी होता है जब वह विनम्रता से जुड़ा हो और शिक्षा तभी सार्थक होती है जब वह आत्मसम्मान और राष्ट्रभक्ति को जन्म देती है।” उन्होंने विद्या भारती द्वारा प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों जैसे किलाड़ और डोडरा क्वार में भी शिक्षा का अलख जगाने की सराहना की। वर्तमान में हिमाचल में विद्या भारती के 190 विद्यालयों में 2000 शिक्षक लगभग 26 हजार विद्यार्थियों को शिक्षित कर रहे हैं।

राज्यपाल ने छात्रों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया और उनके प्रयासों की सराहना की।

इस मौके पर विद्या भारती के अखिल भारतीय महामंत्री देशराज शर्मा ने कहा कि विद्या भारती भारतीय संस्कृति आधारित शिक्षा प्रणाली को बढ़ावा दे रही है और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि विद्या भारती से शिक्षित अनेक छात्र आज उच्च पदों पर राष्ट्र की सेवा कर रहे हैं।

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