एक नाम से जनगणना करायेंगे तो बनेगा बहुत बड़ा रिकॉर्ड: रामआसरे

एक नाम से जनगणना करायेंगे तो बनेगा बहुत बड़ा रिकॉर्ड: रामआसरे

लखनऊ। अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा तथा सम्बद्ध संगठनों के पदाधिकारियों की बैठक दारूलसफा सभागार लखनऊ में में सम्पन्न हुई। 

बैठक की अध्यक्षता महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मंत्री रामआसरे विश्वकर्मा ने की तथा संचालन राष्ट्रीय महासचिव राजेश विश्वकर्मा ने की।

पूर्वमंत्री रामआसरे विश्वकर्मा ने कहा कि अभी सरकार ने देश में जातीय जनगणना कराने का फैसला लिया है। विश्वकर्मा समाज को भी जातीय जनगणना कराने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाना है।

पूर्वमंत्री ने कहा कि पूरे भारतवर्ष में विश्वकर्मा समाज की जनसंख्या अनुमानतः 12-15 करोड है। प्रत्येक प्रदेश मे विश्वकर्मा समाज की जनसंख्या 7-10 प्रतिशत है जो राजनीति मे बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रखता है। विश्वकर्मा समाज में अलग अलग टाइटल और अनेक उपजाति में विभक्त होने के कारण विश्वकर्मा समाज की पूरी जनसंख्या रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हो पा रही है। यही कारण है कि विश्वकर्मा समाज एकजुट नहीं हो पा रहा है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आगे कहा पूरे देश में विश्वकर्मा समाज शर्मा,विश्वकर्मा, पांचाल,धीमान, जांगिड़,टांक, शिल्पकार, स्वर्णकार,ठठेरा, कसेरा,मैथिल, रामगढिया,झां, ओझा,सैफी सहित लगभग 142 आदि नामों से जाने जाते हैं जो मूलतः लोहकार, काष्टकार, ताम्रकार शिल्पकार और स्वर्णकार की श्रेणी में आते हैं। अगर अलग अलग जाति उपजाति से जनगणना कराई जायेगी तो विश्वकर्मा समाज की जनसंख्या टुकड़े-टुकडे होने से नगण्य हो जायेगी। अगर सभी विश्वकर्मा समाज के लोग एक नाम से जनगणना करायेंगे तो बहुत बड़ा रिकॉर्ड विश्वकर्मा समाज का बनेगा। 

पूर्वमंत्री ने कहा विश्वकर्मा समाज के लोग अपनी इच्छानुसार नाम व टाइटल कुछ भी लिखे लेकिन जनगणना के समय जाति के कालम में विश्वकर्मा लिखकर सभी लोग अपनी जनगणना करायें तो विश्वकर्मा के नाम से पूरे देश में बहुत बड़ी जनसंख्या परिलक्षित होगी जो देश की राजनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा बनेगा और विश्वकर्मा समाज को राजनीति और सरकार में अच्छी हिस्सेदारी मिलेगा। अन्य समाज के लोग विश्वकर्मा समाज का आदर सम्मान करेंगे।

विश्वकर्मा समाज के व्यक्ति को चुनाव में टिकट मांगने पर जो राजनैतिक दल जनसंख्या का सवाल उठाते हैं उनको भी जवाब मिल जाएगा और भविष्य में विश्वकर्मा समाज से कोई सवाल नही उठायेगा।

अतः विश्वकर्मा समाज समय की पुकार को पहचाने और एक जुट होकर अपनी पहचान विश्वकर्मा के नाम से जातीय जनगणना करायें तभी विश्वकर्मा समाज का भविष्य उज्जवल बनेगा। 

कार्यक्रम को  अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष अच्छेलाल विश्वकर्मा इं विजेश शर्मा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा शशिकांत विश्वकर्मा राष्ट्रीय सचिव पवन झां राष्ट्रीय सचिव शिव कुमार विश्वकर्मा प्रदेश उपाध्यक्ष सूरजबली विश्वकर्मा प्रदेश उपाध्यक्ष श्यामलाल विश्वकर्मा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य हरिश मैथिल सहित जनपदो के कई पदाधिकारियों ने सहमति जताई और सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया।

तय किया गया कि जगह जगह पर बैठक सम्मेलन के माध्यम से जनता को जागरूक किया जायेगा ताकि समाज की जनसंख्या बढ़ सके।
सभी पदाधिकारियों ने तय कि सोशल मीडिया के माध्यम से इसका प्रचार प्रसार प्रत्येक घर घर में किया जायेगा।

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‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है। 

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