इरानी परमाणु ठिकानों पर अमेरिका का हमला

इजराइल पर ईरान का वार,  ईरान का पलटवार

इरानी परमाणु ठिकानों पर अमेरिका का हमला

अमेरिका की एंट्री से इजरायल और ईरान के बीच जारी सैन्य टकराव की स्थिति और बिगड़ी

  • पलटवार करने पर और बड़े हमले: ट्रंप
  • ताकत के माध्यम से शांति: नेतन्याहू
  • ईरान के पास सभी विकल्प खुले : विदेश मंत्री अरागची

तेल अवीव। इजरायल और ईरान के बीच जारी सैन्य टकराव में अमेरिका की एंट्री से स्थिति और बिगड़ती दिख रही है। ईरान के परमाणु संयंत्रों पर शनिवार रात अमेरिकी हमले के बाद ईरान ने पलटवार करते हुए तेल अवीव और हाइफा जैसे इजरायल के दस ठिकानों को निशाना बनाया। जिसमें कम-से-कम 86 लोग घायल हुए। ईरानी हमलों को देखते हुए इजरायली एयरपोर्ट अथॉरिटी ने इजरायल के एयरस्पेस को पूरी तरह से बंद कर दिया है। रविवार सुबह अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के परमाणु संयंत्रों पर पर अप्रत्याशित हमले के बारे में दुनिया को बताया।

ट्रंप ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि फोर्दो, नतांज और इस्फहान समेत ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर सफलतापूर्वक हमलों को अंजाम दिया गया और सभी अमेरिकी विमान अब ईरान के वायु क्षेत्र से बाहर हैं। ईरान के परमाणु संयंत्रों पर अमेरिका का यह हमला भारतीय समयानुसार रविवार सुबह 4:30 बजे हुआ। जिसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इस सैन्य अभियान को लेकर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि ईरान को अब शांति स्थापित करनी चाहिए। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो भविष्य में हमले कहीं अधिक बड़े होंगे। जिसके बाद इजराइल ने अमेरिका की खुली सराहना की।

दी टाइम्स आफ इजराइल के मुताबिक प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार सुबह ईरानी परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिकी हमलों के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को "ताकत के माध्यम से शांति" लाने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि "राष्ट्रपति ट्रंप और मैं अक्सर कहते हैं कि ताकत के माध्यम से शांति। पहले ताकत आती है, फिर शांति आती है। आज रात, राष्ट्रपति ट्रंप और संयुक्त राज्य अमेरिका ने बहुत ताकत के साथ काम किया। ईरान ने अपने तीन परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले की निंदा करते हुए इसे यूएन चार्टर का उल्लंघन बताया है। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि अमेरिका ने ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला कर संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानून और एनपीटी का गंभीर उल्लंघन किया है। इनके दीर्घकालिक परिणाम होंगे और संयुक्त राष्ट्र के हर सदस्य को इस बेहद खतरनाक, अराजक और आपराधिक व्यवहार से चिंतित होना चाहिए।

अब्बास अरागची ने लिखा कि ईरान के पास अपनी संप्रभुता, हित और लोगों की सुरक्षा के सभी विकल्प हैं। अपने खिलाफ अमेरिकी कार्रवाई से भड़के ईरान ने कुछ घंटे के भीतर इजराइल पर ताबड़तोड़ मिसाइल हमला करते हुए तेल अवीव और हाइफा सहित करीब 10 ठिकानों को निशाना बनाया। दी टाइम्स आफ इजराइल के अनुसार ईरान के हमले में कम-से-कम 86 लोग घायल हुए हैं। ईरान के हवाई हमलों के दौरान इजराइल में चेतावनी सायरन बजने लगे और लोगों में अफरातफरी फैल गई। ईरान की ओर से हमला तेज किए जाने के बाद इजरायली एयरपोर्ट अथॉरिटी ने इजरायल के एयरस्पेस को पूरी तरह से बंद कर दिया।

इजरायल की प्रमुख एयरलाइंस, एल अल इजरायल एयरलाइंस और अर्किया एयरलाइंस ने अगले नोटिस तक सभी बचाव और नियमित उड़ानों को निलंबित कर दिया है। उल्लेखनीय है कि इजरायल ने 13 जून को ऑपरेशन राइजिंग लाइन लॉन्च कर ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया था। जिसके जवाब में ईरान ने इजरायल के कई शहरों पर जबर्दस्त अटैक किया। अब इस सैन्य टकराव में पिछली रात अमेरिका के शामिल होने के बाद क्षेत्र की स्थिति लगातार बिगड़ रही है जिसपर संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी चिंता जताई है।

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