लखनऊ बना ‘जीरो वेस्ट सिटी’ होगा रोजाना 2000 टन कूड़े का निस्तारण
नगर विकास मंत्री 700 मीट्रिक टन क्षमता वाली नई यूनिट का किया शुभारम्भ
लखनऊ। राजधानी ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। शहर को अब आधिकारिक रूप से जीरो वेस्ट सिटी घोषित कर दिया गया है। इस घोषणा के पीछे नगर निगम लखनऊ की वर्षों की मेहनत, वैज्ञानिक सोच और सतत विकास की योजनाओं का महत्वपूर्ण योगदान है।
शिवरी स्थित प्रोसेसिंग प्लांट में नगर विकास मंत्री ए.के. शर्मा ने 700 मीट्रिक टन क्षमता वाली नई फ्रेश वेस्ट यूनिट का उदघाटन किया। इस नए प्लांट के जुड़ने से अब नगर निगम को प्रतिदिन उत्पन्न हो रहे 2000 मीट्रिक टन से अधिक कचरे का शत-प्रतिशत वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण करने की क्षमता मिल गई है। यह नई यूनिट आधुनिक स्वदेशी तकनीक से लैस है, जो न सिर्फ कचरे को रिसाइक्लिंग व प्रोसेसिंग के जरिए पर्यावरण अनुकूल उत्पादों में परिवर्तित करती है, बल्कि शहर की स्वच्छता व्यवस्था को एक नया स्तर भी प्रदान करती है। लखनऊ की मेयर सुषमा खर्कवाल, नगर आयुक्त गौरव कुमार, अपर नगर आयुक्त अरविंद कुमार राव सहित नगर निगम व स्वच्छता विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
बोले कि नव-स्थापित यूनिट की तकनीकी विशेषताओं की बात करें तो यह मशीन प्रति दिन 700 मीट्रिक टन कचरे को प्रोसेस कर सकती है। इससे पहले शहर में दो प्रोसेसिंग यूनिट थीं जो मिलकर लगभग 1300 मीट्रिक टन कचरे का निस्तारण करती थीं। नई यूनिट के जुड़ने से अब कुल क्षमता 2000 मीट्रिक टन से अधिक हो गई है। इसका अर्थ है कि अब लखनऊ में प्रतिदिन घरों, बाजारों और व्यावसायिक स्थलों से निकलने वाले सभी प्रकार के कचरे का शत-प्रतिशत निस्तारण होगा। इससे न केवल लैंडफिल साइटों पर दबाव कम होगा, बल्कि पर्यावरणीय प्रदूषण में भी भारी गिरावट आएगगी, पर्यावरण को संरक्षण मिलेगा, बल्कि हजारों लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।
गीला-सूखा कचरा अलग करने में शहरवासी अहम: नगर आयुक्त
नगर आयुक्त ने कहा कि इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए शहरवासियों का सहयोग भी सराहनीय रहा है। लोगों ने अपने घरों से कचरे का पृथक्करण किया, गीले और सूखे कचरे को अलग करके नगर निगम की टीम को सौंपा। इस व्यवहारिक बदलाव ने निस्तारण की प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाया।
नगर निगम लखनऊ अब इसी मॉडल को शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में अपनाने की दिशा में अग्रसर है। योजना है कि प्रत्येक वार्ड में कचरा प्रबंधन और निस्तारण की स्थानीय इकाइयां स्थापित की जाए जिससे ट्रांसपोर्टेशन लागत कम हो और प्रोसेसिंग ज्यादा प्रभावी हो। इसके अलावा, नगर निगम द्वारा स्कूलों और सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर स्वच्छता और कचरा प्रबंधन पर जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे।
क्या है जीरो वेस्ट सिटी...!
जीरो वेस्ट सिटी वह नगर होता है जहां उत्पन्न कचरे का शून्य प्रतिशत लैंडफिल में डाला जाता है। इसका तात्पर्य यह है कि शहर में उत्पन्न समस्त कचरे को या तो रिसाइकल किया जाता है, या पुन: उपयोग में लाया जाता है, या ऊर्जा उत्पादन में इस्तेमाल किया जाता है। लखनऊ देश का ऐसा पहला महानगर बन गया है जिसे यह उपलब्धि प्राप्त हुई है।
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