कृषि वैज्ञानिक द्वारा किसान भाइयों के लिए दिए गए आवश्यक सुझाव।

कृषि वैज्ञानिक द्वारा किसान भाइयों के लिए दिए गए आवश्यक सुझाव।

  संत कबीर नगर ,22 अप्रैल, 2024 (सूचना विभाग)। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष कृषि विज्ञान केंद्र, संत कबीर नगर डॉ अरविंद कुमार सिंह ने जनपद के किसान भाइयों के हित में कुछ बिंदुओं पर ध्यान देने योग्य बातों को साझा करते हुए बताया है कि इस समय किसान भाइयों की रबी फसलों की बहुत सारी फसलों जैसे गेहूं, सरसों, चना, मटर, मसूर,आदि की कटाई मड़ाई का कार्य मार्च माह से लेकर अब तक पूर्ण हो चुका है इस माह में रबी की मुख्य फसल गेहूं के साथ जौ की कटाई मड़ाई एवं भंडारण का कार्य पूर्ण हो जाता है कटाई के समय दोनो फसल के  दानों में 15 से 18% से अधिक नमी रहती है कटाई के बाद उसको भंडारण करने हेतु 4 से 6 दिन धूप में अच्छी तरह से सुख लिया जाए ताकि दोनों में 8 से 10% की नामी हो जाए इसके उपरांत इसको बखारी या भूसे में अच्छी तरह से एयर टाइट करके भंडारण करें, ध्यान रहे भंडारण गिरी पूरी तरह एयर टाइट हो ताकि भंडार गिरी हवा व नमी से मुक्त रहे।
उन्होंने फसलोत्पादन के संबंध में किसान भाइयों को अवगत कराया है कि रबी  से खाली हुए खेतों में जायद की बहुत सारी फैसले जैसे मूंग उड़द, सूरज मुखी गन्ना सब्जी वाली फैसले जैसे लौकी, करेला ,भिंडी, तरबूज, खरबूज पट्टी वाली सब्जियां जैसे पलक, चोली, धनिया आदि की बुवाई की गई है ऐसे में मौसम की गर्मी एवं लू को ध्यान में रखते हुए किसान भाइयों को सलाह दी जाती है कि उक्त फसलों में नमी को बनाए रखें एवं जब भी  खेत की सिंचाई करें प्रयास करें शाम के समय करें यदि खेत में कहीं पानी रुकता है तो उसे निकाल दें अन्यथा पानी गर्म होकर उसे जगह की फसल को खराब कर देगा,  रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से भी बचें इससे फसलों में पानी की माग बार बार  बढ़ती है और उत्पादन प्रभावित होता है।
 पशुओं के लिए चारा उत्पादन जैसे कि किसान भाइयों जानते है  इस मौसम में चारों की कमी हो जाती है ऐसे में पशुपालक भाई बहु कटाई वाली किस्म मीठी  सूडान  एम पी चारी, पूषा चारी 23, ज्वार चारी  आदि की बुवाई करे  इसे प्रति एकड़ 240 से 250 कुन्तल हरे चारे की उपज ले सकते हैं। इसके आलावा  इस माह में चारे के लिए ज्वार लोबिया, मक्का आदि की बुवाई करके मिलावन वाली फसलों से चारे की पौष्टिकता बढ़कर अपने पशुओं में दूध उत्पादन को स्थिर रख सकते हैं। पशुओं की देखभाल के दृष्टिगत उन्होंने बताया है कि इस मौसम में तेज हवाएं एवं लू के प्रकोप से अपने दुधारू जानवरों को बचाना एवं बहुत बड़ी समस्या होती है ऐसे में अपने पशुओं को  सुबह शाम ही बाहर छोड़ें दोपहर के समय अपने पशुओं को बाड़े  में रखें और तेज धूप लू से बचाने है चारों तरफ से घास-फूस की टाटी का प्रयोग करें हो सके तो उसपर  पानी का छिड़काव भी करें अपने पशुओं को शाम के समय स्नान भी  कराये  और ज्यादा से ज्यादा साफ सुथरा पानी पीने को दिन ऐसा करने से हम ऐसा करके हम अपने पशुओं को सुरक्षित कर सकते हैं एवं दुग्ध उत्पादन को स्थिर रख सकते हैं। 

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