रोहतास के थाने में अब सुरक्षित नही रहा पीड़ितों का आवेदन,एक वर्ष से नही मिल रहा कोई सुराग
टाउन थाना के लिए एसपी के यहां से चला लेटर को आसमान खा गई या जमीन निगल गया
सासाराम।सुरक्षा की दम भरने वाली रोहतास पुलिस एक आवेदन की जब सुरक्षा नही कर सकती तो क्या आम नागरिकों की सुरक्षा का दारोमदार इनके कंधे पर कैसे और किस तरह किया जा सकता है।इसका अंदाजा एक आवेदन से लगाया जा सकता है। जो एसपी रोहतास के यहां से टाउन थाना सासाराम के लिए चला लेटर का अबतक कोई सुराग पुलिस ढूंढ पाई है और ना ही आरटीआई से मांगी गई सूचनाएं ही अबतक उपलब्ध करा पाई है। जबकि उक्त लेटर का गुमशुदा हुए करीब एक वर्ष होने को चले है।ऐसे में आखिर उक्त लेटर को जमीन खा गई या जमीन निगल गया।यह मामला अब जिले में सुर्खियां बटोरने लगी है और चहुओर चर्चाओं का बाजार गर्म है।बताया जाता है कि आरक्षी अधीक्षक रोहतास के पत्रांक सांख्य 3496/vo 22.12.22 दिनांक 5 जनवरी 23 को टाउन थाना सासाराम को विशेष मैजेंजर के द्वारा रिसीव कराया गया था।जिसमे एक मृतक मृत्युंजय तिवारी पिता गोरखनाथ तिवारी,ग्राम गमहरिया,पोस्ट तेंदुआ,थाना नोखा का मूल पोस्टमार्टम रिपोर्ट,पंचनामा आदि कागजात थी।जो पुलिस आयुक्त वाराणसी से दिनांक 23 नवंबर 22 को निबंधित डाक संख्या RL 2211030107,RL AROA 26T 1577IN द्वारा आरक्षी अधीक्षक ,रोहतास के नाम लेटर भेजा गया था।जिसका लेटर नंबर 2233/022 है।पीड़ित ने कई बार टाउन थाना में दस्तक देकर उक्त लेटर का खोजबीन किया गया।लेकिन कुछ सुराग पता नही चल पाया।तब पीड़ित ने उक्त लेटर की खोजबीन के लिए एक आवेदन आरक्षी अधीक्षक रोहतास को देकर न्याय की गुहार लगाई गई।तत्पश्चात इस संदर्भ में आरटीआई के जरिए भी सूचनाएं मांगी गई थी।लेकिन एक महीना से अधिक होने को है और सूचनाएं नदारद है।बताया जाता है कि उपरोक्त कागजात नही मिलने से मृतक का जीआरपी थाना सासाराम में प्राथमिकी दर्ज नहीं हो पा रहा है।जिसके कारण मृतक के आश्रितों को रेलवे से मिलने वाले डेथ कलेम के लाखो रुपए की आर्थिक क्षति होने की बाते कही जा रही है।
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