केजीएमयू लारी में मरीजों को नहीं मिल रहा इलाज
लखनऊ। हार्ट के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए केजीएमयू की लॉरी कार्डियोलॉजी यूनिट पर काफी भार पड़ा है। हालांकि मरीजों की चिकित्सकीय परामर्श एवं उपचार को लेकर ओपीडी में बैठने वाले चिकित्सकों की संख्या बढ़ाने के बावजूद भी स्थिति जैसी की तैसी बनी हुई है।
केजीएमयू की लॉरी कार्डियोलॉजी यूनिट की ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या 350 से 450 के बीच है। पहले जहां ओपीडी में तीन डॉक्टर मरीजों को देखते थे,वहीं अब चिकित्सकों की संख्या विभाग की तरफ से छह से सात कर दी गई है। इसके बावजूद लगातार मरीज बढ़ते जा रहे हैं। वहीं इमरजेंसी में जहां सात मरीज आते थे अब ऐसे मरीजों की संख्या 40 के आसपास पहुंच गई है। बाहर से आने वाले मरीजों की संख्या को देखते हुए विभाग की तरफ से आईसीयू में भी दस के स्थान पर बीस बेड बढ़ाए गए हैं। आने वाले दिनों में यदि संसाधनों में वृद्धि नहीं की गई तो ये नाकाम भी साबित हो सकते हैं।
राजधानी में तीन बड़े अस्पताल बलरामपुर अस्पताल,सिविल अस्पताल और डॉ.राम मनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय में कार्डियक यूनिट होने के बावजूद लारी कार्डियोलॉजी में मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। यहां ओपीडी में मरीजों को पहले दिखाने के लिए महीनों पहले ऑनलाइन डेट लेनी पड़ती है। लेकिन वो भी नहीं मिल पा रही है।
तो वही डॉ सेट्टी ने कहा, ऐसा नहीं है कि इन अस्पतालों में इलाज नहीं हो रहे हैं,पर इतना जरूर है कि गंभीर रोगियों को सीधे लारी या फिर पीजीआई रेफर किया जा रहा है। वहीं दूरदराज के जिलों से आए मरीज सीधे पीजीआई या फिर लारी पहुंच रहे हैं। दूर दराज के मरीजों में शामिल अधिकांश मरीज पहले लारी को ही प्राथमिकता देते हैं। ऐसे में यहां पर भार बढ़ना स्वाभाविक है।
इस बारे में कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष डॉ शेट्टी का कहना है कि पूर्व की अपेक्षा मरीजों की संख्या में अपेक्षाकृत काफी वृद्धि आई है। इनमें सबसे ज्यादा मरीज बाहरी जिलों के हैं। इनमें बहराइच, गोंडा,फैजाबाद, बस्ती, उन्नाव,शाहजहांपुर, कानपुर, बस्ती, गोरखपुर, आजमगढ़, देवरिया तक के मरीज है। डॉ.शेट्टी का कहना है कि दूरदराज से आए मरीजों को मना तो किया नहीं जा सकता है।
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