एलडीए वीसी को भेजा लीगल नोटिस

28 लोगों ने दर्ज करा दी 2114 शिकायतें 

एलडीए वीसी को भेजा लीगल नोटिस

  • दबाव बनाकर पैसा ऐंठने का लगा था आरोप 

लखनऊ। राजधानी में अवैध निर्माण को लेकर शिकायत करने वालों के खिलाफ एलडीए ने मोर्चा खोल दिया। एलडीए ने इसकी एक सूची भी जारी की और दावा किया कि यह लोग एलडीए को अवैध निर्माण की झूठी शिकायत कर आम जन मानस को परेशान करते हैं। इसी सूची में एक सामाजिक कार्यकर्ता और आरटीआई एक्टिविटिस्ट का नाम भी शामिल है। सूची में नाम और अखबारों में खबर छपने के बाद आरटीआई एक्टिविटिस्ट ने क़ानूनी सलाह लेते हुए एलडीए वीसी को अपने वकील के जरिये नोटिस भेजा है। 

गौरतलब है कि राजधानी के रियल एस्टेट और निर्माण क्षेत्र को ब्लैकमेल कर रहे शिकायती गिरोह पर अब शिकंजा कसने के लिए एलडीए ने नीति बनाई है। एलडीए ने ऐसे गिरोहों की पहचान कर उनकी लिस्ट तैयार की है। एलडीए का दावा है कि यह लोग अवैध रूप से निर्माण कार्यों के खिलाफ बार-बार झूठी शिकायतें दर्ज कराकर लोगों को मानसिक, आर्थिक और सामाजिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं।

एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार द्वारा कराई गई जांच में सामने आया कि सिर्फ 28 लोगों ने 2114 शिकायतें दर्ज कराई हैं, जिनमें से अधिकांश का मकसद निर्माणकर्ताओं से पैसे ऐंठना या निर्माण रुकवाना था। यह आंकड़ा जनवरी 2024 से मई 2025 के बीच का है। वहीं जनता अदालत, नागरिक सुविधा दिवस और नियमित जनसुनवाई के दौरान शिकायती गिरोह के खिलाफ आम नागरिकों ने अपनी पीड़ा साझा की। अधिकांश ने आरोप लगाया कि निर्माण कार्य शुरू होते ही कुछ लोग लगातार शिकायत दर्ज कर देते हैं। इन शिकायतों के पीछे नीयत होती है “रुपये की मांग” और मना करने पर निर्माण को अवैध करार देने की धमकी देना।

उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने इन घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए आईजीआरएस सेल को 2024 और 2025 में दर्ज की गई सभी निर्माण संबंधी शिकायतों की स्क्रूटनी करने का आदेश दिया था। इस मामले में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आये थे।  28 व्यक्तियों ने कुल 2114 शिकायतें दर्ज कराईं थी। एक महिला ने अकेले 19 मई 2024 से 30 मई 2025 तक 171 शिकायतें दर्ज की थी। दूसरे नंबर पर एक व्यक्ति ने 168 शिकायतें और तीसरे नंबर पर 167 शिकायतें दर्ज की गईं। कुछ शिकायतकर्ताओं के नाम लगातार हर महीने 20-30 शिकायतों में सामने आए। इनमें से कई लोग पहले से निर्माणकर्ताओं द्वारा ब्लैकमेलिंग के आरोपों में भी संलिप्त पाए गए। वहीं इस मामले में आरईटीआई एक्टिविटिस्ट लक्ष्मीकांत का नाम भी शामिल है।

लक्ष्मीकान्त का दावा है कि उनकी की गई विभिन्न शिकायतों पर एलडीए ने ठोस कार्रवाई करते हुए,अवैध निर्माणों का ध्वस्तिकरण तक किया है। लक्ष्मीकांत का कहना है कि वह एक समाजिक कार्यकर्ता है,वह लगातार अवैध निर्माण के खिलाफ शिकायत करते आ रहे हैं,और उन पर ठोस कार्रवाई तक करवाई है। किसी पर दबाव बनाकर पैसे ऐंठने के आरोप गलत हैं। इस मामले में लक्ष्मीकांत ने अपने वकील से एलडीए वीसी के खिलाफ एक न्यायिक नोटिस भेजकर उनका नाम गलत तरीके से शामिल किये जाने का जवाब मांगा है। 

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