झुक जइयो तनिक रघुवीर लली मेरी छोटी सी
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फर्रुखाबाद। भक्ति के आगे शक्ति को झुकना पड़ता है मानस में चार विवाह बताए गए जिसमे शिव,श्रीराम का विवाह सफल रहा जबकि नारद,सूपनखा का विवाह असफल रहा।भक्ति के आगे शक्ति को झुकना पड़ता है। मानस विचार समिति के बैनर तले डा. रामबाबू पाठक के संयोजन में पंडा बाग के सत्संग भवन में चल रहे मानस सम्मेलन में झांसी से पधारी मानस कोकिला सुश्री किरण भारती ने जानकी विवाह प्रसंग पर कहा कि रामचरित मानस में शिव,श्रीराम,नारद,सूपनखा चार प्रकार का वर्णन किया है।शिव पार्वती,श्रीराम सीता का विवाह सफल रहा।
जबकि नारदजी,सूपनखा का विवाह असफल रहा।श्रीराम के चार विवाह पुष्प वाटिका में सीता मिलन,शिव धनुष तोड़ना, श्रीराम सीता जयमाल,श्रीराम सीता सनातन धर्म विवाह हुआ। उन्होंने कहा कि पहले लड़की वाले धनुष रखते थे पर आजकल लड़के वाले दहेज रखते हैं। सीता ने महल की सफाई करते समय शिव का धनुष उठाकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर रख दिया।राजा जनक ने भक्ति रूपी सीता को शक्ति रूपी दूल्हे को ढूढने के लिए शिव धनुष यज्ञ रखा। 9999 राजा शिव धनुष को हिला भी नही पाए।
गुरु विश्वामित्र की आज्ञा लेकर श्रीराम ने शिव धनुष को प्रणाम करके उसमे प्रत्यंचा चढ़ाई और प्रत्यंचा चढ़ाते ही धनुष टूट गया।सीता ने श्रीराम के गले में जयमाला डाल दी। माता सुनयना श्रीराम से कहती हैं कि झुक जइयो तनिक रघुवीर लली मेरी छोटी सी,।बाद में श्रीराम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न चारो भाईयो कासीता,उर्मिला,मांडवी,श्रुतकीर्ति का विवाह राजा दशरथ के सामने विधिविधान से हुआ।महिलाओं ने अवधि लोक गीत गा करके वातावरण जनकपुर मय बना दिया।
उन्नाव से पधारी मानस कोकिला कु. अंजलि बाजपेई ने कहा की पद्रहवी शताब्दी में रामकथा को अनेक विद्वानों ने लिखा,उसी समय गोस्वामी तुलसीदास ने रामकथा को माता सरस्वती की उपासना करके रामचरित मानस को प्रारंभ किया जिसमे नौ रस,छंद, कवित्त,चौपाई,दोहा,व्याकरण के साथ रचना की जो कालांतर में मंत्र बन गए।रामचरित मानस मानव मूल्यों का अनूठा ग्रंथ है।
इसके अलावा झांसी के मानस विद्वान अरुण गोस्वामी, इंदौर म. प्र. इंदौर से महेश चंद्र मिश्रा ने भी मानस प्रवचन किया। तबले पर संगत नंदकिशोर पाठक ने किया। संचालन पंडित रामेंद्र मिश्रा ने किया। इस मौके पर अशोक रस्तोगी,ज्योति स्वरूप अघिनोत्री,सुरजीत पाठक उर्फ बंटू,मुन्नालाल मिश्र,अश्वनी मिश्रा, सदाननंद शुक्ला,ब्रज किशोरसिंह किशोर,विशेष पाठक,अपूर्व,अद्भुत,वरुण,विकास,अभिषेक, अल्म्या,श्रीमती विजय लक्ष्मी पाठक,मांडवी पाठक,शशि रस्तोगी,रजनी लौगाणी सहित सैकड़ों मानस श्रोता मौजूद रहे।
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