डीजीपी ने ट्रेनी डिप्टी एसपी को दिए पुलिसिंग टिप्स

 बोले- अधीनस्थों की सुनें, स्वविवेक से निर्णय लें

डीजीपी ने ट्रेनी डिप्टी एसपी को दिए पुलिसिंग टिप्स

  • 2024 बैच के 34 ट्रेनी डिप्टी एसपी से डीजीपी ने की मुलाकात
  • जन शिकायत के गुणवत्तापूर्ण और त्वरित निस्तारण एवं  साइबर क्राइम को अपनी शीर्ष प्राथमिकताओं में रखें

लखनऊ। डीजीपी राजीव कृष्ण ने  वर्ष 2024 बैच के 34 ट्रेनी डिप्टी एसपी से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था ड्यूटी में अपने अधीनस्थ फोर्स को पूर्व से पर्याप्त ब्रीफिंग अवश्य करें।उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था में निरंतर संवाद अत्यंत महत्वपूर्ण है। संवाद आवश्यक ही नहीं बल्कि एक कला है। अधीनस्थों के विचारों को भी सुनकर स्वविवेक से निर्णय लेने की जरूरत होती है।  प्रशिक्षण के दौरान आप को दी गयी फारेंसिंक साइंस, साइबर क्राइम, सर्विलांस एवं कानून की जानकारियां ही आपके कैरियर को आगे बढ़ाने में आपकी सहायक होंगी। प्रशिक्षण की सिखलाई एवं फील्ड की व्यावहारिक चुनौतियों में विरोधाभास की स्थिति में अपने विवेक और निर्णय छमता का इस्तेमाल करना चाहिये।  

पुलिस अधिकारी को अपने अधीनस्थों का सम्मान प्राप्त करने और फोर्स को कमांड करने के लिये स्वयं उदाहरण प्रस्तुत करना होता है। भविष्य की चुनौतियों एवं वर्तमान परिस्थितियों के अनुसार फोर्स को तैयार करें। दो प्रमुख विषयों जन शिकायत के गुणवत्तापूर्ण और त्वरित निस्तारण एवं  साइबर क्राइम को अपनी शीर्ष प्राथमिकताओं में रखें। पुलिस महानिदेशक द्वारा प्रशिक्षुओं से एक वर्ष के अंदर उत्तर प्रदेश पुलिस को साइबर क्राइम के विरुद्ध एक सशक्त फोर्स के रूप देश में प्रथम स्थान पर लाने के अपने उद्देश्य में उनके सार्थक योगदान की अपेक्षा की गयी। 

जनपद में अपने व्यवहारिक प्रशिक्षण के दौरान पुलिस की निचली पायदान (आरक्षी) से लेकर हर स्तर के पुलिस कर्मी से पुलिसिंग की बारीकियों को सीखें, अपनी समस्त जिज्ञासाओं का निवारण करें।  अपनी क्षमता को लगातार उच्चीकृत करते रहें और अपने समझ सदैव एक लक्ष्य रखें।  

पुलिस महानिदेशक ने कहा कि कानून व्यवस्था में ब्रीफिंग अत्यंत महत्वपूर्ण है और ब्रीफिंग आवश्यक ही नहीं बल्कि एक कला है उन्होंने प्रत्येक प्रशिक्षु अधिकारी को निर्देशित किया कि कानून व्यवस्था ड्यूटियों में वह अपने अधीनस्थ फोर्स को पूर्व से पर्याप्त ब्रीफ अवश्य करें। फील्ड में अपने दिमाग से परिस्थितियों को समझते हुये अधीनस्थों के विचारों को भी सुनकर स्वविवेक से निर्णय लेने की आवश्यकता है। अंत में उन्होंने सभी ट्रेनी अफसरों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इस अवसर पर डीजी ट्रेनिंग तिलोत्तमा वर्मा और बीआर अंबेडकर पुलिस अकादमी, मुरादाबाद के एडीजी राजीव सबरवाल भी उपस्थित रहे।

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