मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, निषेधाज्ञा लागू

मैतेई लीडर की गिरफ्तारी के विरोध में गाड़ियां फूंकीं, किया पथराव

मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, निषेधाज्ञा लागू

  • 10 दिनों तक मणिपुर बंद की घोषणा की
  • प्रदर्शनकारियों ने कई इलाकों में किया चक्का जाम
  • 2023 से हिंसा, सीएम का इस्तीफा और राष्ट्रपति शासन

इंफाल। मणिपुर की सामाजिक-सांस्कृतिक संस्था अरामबाई तेंगगोल ने अपने नेता कानन और चार अन्य सदस्यों की केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों से गिरफ्तारी के विरोध में रविवार से 10 दिनों के बंद का एलान किया है। इस गिरफ्तारी के बाद राज्य में हिंसक प्रदर्शन हुये। अब तक लगभग पांच वाहन जलाए जा चुके हैं जिनमें सुरक्षा बलों के वाहन भी शामिल हैं। प्रदर्शनों के दौरान सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़पों में 10 लोग घायल हो गये हैं। एक पत्रकार को भी चोटें आई हैं। राज्य सरकार ने स्थिति को काबू में करने के लिए पांच दिनों के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी है और अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया है। सीबीआई ने रविवार को मणिपुर के इंफाल एयरपोर्ट से मैतेई संगठन अरम्बाई तेंगगोल (एटी) के एक कार्यकर्ता कनन सिंह को गिरफ्तार किया।

उस पर 2023 के मणिपुर जातीय हिंसा से जुड़े कई आपराधिक मामलों में शामिल होने का आरोप है। इस गिरफ्तारी के बाद कनन सिंह को तुरंत गुवाहाटी ले जाया गया, जहां उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा और पुलिस रिमांड मांगी जाएगी। मामले में सीबीआई ने बताया कि गिरफ्तारी की सूचना उनके परिवार को दे दी गई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मणिपुर हिंसा के मामलों की जांच सीबीआई कर रही है। सुरक्षा कारणों से इन मामलों की सुनवाई मणिपुर से हटाकर गुवाहाटी ट्रांसफर कर दी गई है। वहीं कनन सिंह की गिरफ्तारी की खबर फैलते ही इंफाल शहर में तनाव फैल गया।

प्रशासन ने इंफाल वेस्ट, इंफाल ईस्ट, थौबल, विष्णुपुर और ककचिंग जिलों में धारा 144 लागू कर दी है। इसके साथ ही इंटरनेट, मोबाइल डेटा, वीएसएटी और वीपीएन सेवाएं भी अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं। शनिवार रात प्रदर्शनकारियों ने क्वाकैथेल और उरीपोक इलाकों में टायर और पुराना फर्नीचर जलाकर सड़कें जाम कीं। कई जगहों पर सुरक्षा बलों के साथ उनकी झड़पें भी हुईं। इंफाल ईस्ट के खुरई लामलोंग इलाके में एक भीड़ ने एक बस को आग के हवाले कर दिया।

बता दें कि, मई 2023 से मणिपुर में मैतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच हुई जातीय हिंसा में अब तक 260 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। वहीं राज्य के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के 9 फरवरी 2024 को इस्तीफा देने के बाद केंद्र सरकार ने 13 फरवरी 2024 को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था।

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