सोन कैनाल के पुल पर नहीं चलेगी बालू गाड़ी, उल्लंघन करने पर बंदोबस्तधारी पर होगा केस
सहायक अभियंता ने ज़िला खनन पदाधिकारी पटना को लिखा पत्र , कहां जारी करें निर्देश
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मानक के अनुकूल बंदोबस्तधारियों ने पुल बनाया या नहीं , मांगा रिपोर्ट
पटना ( अ सं ) । बालू बंदोबस्तधारियों के वर्चस्व और मनमानी दिन - प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है । सोन कैनाल के पुल पर बालू गाड़ी बंद होने का नाम नहीं ले रही है । इसपर सोन कैनाल के सहायक अभियंता ने ज़िला खनन पदाधिकारी को सख़्त पत्र लिखते हुए कहां है की पूर्व में निर्देश दिया गया था अगर नहीं मानें तो बंदोबस्तधारियों पर केस करेंगे । इधर हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी लहलादपुर में पुनः बालू माफियाओं ने नहर को भर दिया है और बालू गाड़ी चोरी - छीपे चला रहे है ।
जल संसाधन विभाग अंतर्गत आने वाले सोन कैनाल प्रमंडल खगौल ( पटना ) को भारी क्षति होने वाली है । इसके साथ ही किसानों की सिंचाई व्यवस्था जल्द ही चौपट हो जायेगी । किसानों की शिकायतें के बाद भी सोन कैनाल के पदाधिकारी , ज़िला खनन पदाधिकारी को पत्र लिखकर सो गये है । पटना ज़िले के रानीतालाब से लेकर महबलीपुर तक सोन कैनाल ( नहर। ) में 5 सरकारी पुल है जो किसानों के हित में अंग्रेज़ी शासन- काल से बने हैं और कुछ आज़ादी के बाद ग्रामीणों सुविधाओं के लिए बनाएं गये है । सभी की भार क्षमता बालू लदे वाहनों के लिए अनुकूल नहीं है । इसको लेकर सोन कैनाल प्रमंडल खगौल के सहायक अभियंता ने पत्र लिखकर स्पष्ट कहां है की बालू लदे मालवाहक गाड़ी या बालू कारोबार के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाएं । लेकिन बालू बंदोबस्तधारियों पर इसका असर नहीं पड़ रहा है । सहायक अभियंता ने ज़िला खनन पदाधिकारी को पत्र लिखा है की अपने स्तर से बंदोबस्तधारी को रोक लगाएं ।
सोन कैनाल एवं खनन विभाग के निर्देश के बावजूद भी बालू गाड़ी सोन कैनाल के सरकारी पुल पर आ जा रही है । इसको लेकर सोन कैनाल अब सख़्त कदम उठाने जा रही है । चेतावनी के बाद भी बालू गाड़ी नहीं रूक रहा है । सहायक अभियंता ने बताया कि अब सीधे तौर पर बालू बंदोबस्तधारों पर एफ़आइआर किया जायेगा । इधर सोन कैनाल ने ज़िला खनन को पत्र लिखकर यह जानना चाहा है की जो अस्थायी पुल बंदोबस्तधारियों ने कैनाल में बनाया है वह मानक के अनुकूल है या नहीं । इसको लेकर सोन कैनाल में शिकायत आया था ।
हाईकोर्ट के निर्देश बाद लहलादपुर स्थित सोन कैनाल के नहर को कार्यपालक अभियंता, एसडीओ पालीगंज, बिक्रम सीओ एवं स्थानीय पुलिस के मौजूदगी में अतिक्रमण मुक्त कर दिया गया था । अपीलकर्ता प्रशासन के कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हुआ था और आपत्ति जताया था । अगली सुनवाई हाईकोर्ट में होनी है इसके पूर्व ही बालू माफियाओं ने पुनः सोन कैनाल ( नहर। ) को भर दिया है ।
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