महारासलीला व उद्धव गोपी संवाद का बड़ा ही रोचक वर्णन सुनकर दर्शक हुए मंत्रमुग्ध

महारासलीला व उद्धव गोपी संवाद का बड़ा ही रोचक वर्णन सुनकर दर्शक हुए मंत्रमुग्ध

रुड़की (देशराज पाल)। अशोक नगर में पंडित चंद्र मोहन कुलाश्री के द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में कथा के षष्टम दिवस पर परम पूज्य कथा व्यास संत बद्रीश महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण तथा गोपियों की महारासलीला का बड़ा ही हृदय को छू लेने वाला एवं स्नेह रस से ओत-प्रोत कथा का श्रवण करवाया। साथ ही जब उद्धव द्वारा गोपियों को यह बहलाने का प्रयास किया गया कि वे बेवजह अनायास ही श्रीकृष्ण से मोह रखती हैं उन्हें इस प्रकार श्रीकृष्ण को अपनत्व स्नेह प्रेम की भावना से नहीं देखना चाहिए। इस पर गोपिया उद्धव को पलट कर उत्तर देती हैं कि जिनके मन अंतरंग में, निस्वार्थ एवं विश्वसनीय भावना नहीं रहती वह किसी से स्नेह करने का भाव नहीं समझ सकते। 
कथा में गीत संगीत के द्वारा बहुत ही अच्छे भजनों का बखान किया गया जिसमें क्षेत्र की जनता ने झूम-झूम कर नाच गा कर आनंद उठाया। समाजसेवी सतीश नेगी ने बताया कि कल को कथा के अंतिम दिवस पर 1 बजे विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें सभी कृष्ण भक्त जन आमंत्रित है। आज की कथा में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बड़े भाई वीरेंद्र सिंह रावत ने शिरकत की। इस अवसर पर जितेंद्र नेगी कैलाश ध्यानी, आशा देवी, जानकी प्रसाद कुलाश्री, अनिल कुलाश्री, घनानंद कुलाश्री, मुकेश कुलाश्री, कार्तिक कुलाश्री, मुकेश, रूपेश भट्ट, शीतल कुलाश्री, स्वामी प्रेम प्रकाश, योगेश, विजय सुंदर्याल,  हीरामणि कुलाश्री, रजनी, बुद्धि बल्लभ बुडाकोटी रमेश चंद्र खंतवाल, कलावती, यशोदा बुडाकोटी, सरस्वती कुलाश्री,  उषा कुलाश्री, गुणानंद जुयाल, गुड्डी जुयाल, सरसू देवरानी, चंद्र कुला, महेशानंद कुलाश्री, देवकी कुलाश्री आदि सैकड़ो लोग उपस्थित थे।

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