जीवन को सार्थक बनाने के लिए भगवान परशुराम की शिक्षाओं को अपनायें:मुनीश शर्मा
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रामपुर: परशुराम मंदिर ज्वालानगर में विष्णु भगवान के छठे अवतार भगवान परशुराम की प्रतिमा के समक्ष ज़िलाध्यक्ष मुनीश चंद्र शर्मा,आर के पांडेय,सौरभ पाठक और विकास पांडेय ने दीप जलाकर भगवान का पूजन अर्चन किया।पंडित कपिल शर्मा ने वैदिक मंत्रों द्वारा पूजन कराया।अंत में आरती करके भोग लगाया और प्रसाद वितरित किया गया।इस अवसर पर ज़िलाध्यक्ष मुनीश चन्द्र शर्मा ने कहा कि भगवान परशुराम में शास्त्र और शस्त्र का अद्भुत समन्वय था।वह केवल शस्त्र और शास्त्र के ज्ञाता ही नहीं बल्कि मानवीय मूल्यों के संस्थापक हैं।उनकी पूजा करने से धन और बल की प्राप्ति होती है।अक्षय तृतीया को अवतरित होने के कारण यह अबूझ तिथि मानी जाती है।इस दिन कोई भी शुभ कार्य करने के लिए किसी से मुहूर्त निकलवाने की ज़रूरत नहीं होती है।इस दिन किया हुआ जप तप और दान अक्षय फल देता है।
भगवान परशुराम केवल ब्राह्मण समाज के ही नहीं वरन् संपूर्ण समाज के पूज्य माने जाते हैं।उन्होंने अन्याय और अत्याचार से मुक्ति दिलाने के लिए पृथ्वी को अनेक बार आततायियों से मुक्त कराया।जीवन को सार्थक बनाने के लिए हमें उनके आदर्शों को अपनाना चाहिए।दोपहर में नगर अध्यक्ष विकास पांडेय के आवास पर राहगीरों को शरबत पिलाकर उनकी प्यास बुझाई।उन्होंने बताया कि संगठन सेवा के कार्य वर्ष भर जान सहयोग से करता है जिससे आनेवाली पीढ़ी संस्कृत हो सके।हिंदुस्तान के ब्यूरो चीफ विपिन शर्मा और मनमोहन महे ने दीप जलाकर प्याऊ का शुभारंभ किया।इस अवसर पर युवा प्रकोष्ठ के ज़िलाध्यक्ष अनुभव वशिष्ठ,सौरभ पाठक,विकास पांडेय,सूर्यप्रकाश शर्मा,शिवकुमार चंदन,सुधांशु पाराशरी,सात्विक भारद्वाज,विष्णु शर्मा,सुधा शर्मा,सुषमा पांडेय,राहुल भारद्वाज,गीतांश शर्मा,शिवांश गौड़ आदि ने सहयोग किया।
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