पारा 40 डिग्री पार, स्कूली बच्चे लाचार, अभिभावक मजबूर

लखनऊ में हीट वेव की है घोषणा, शुक्रवार को अधिकतम पारा 41 डिग्री रहा

पारा 40 डिग्री पार, स्कूली बच्चे लाचार, अभिभावक मजबूर

  • अप्रैल में जून जैसी भीषण गर्मी, सुबह 11 बजे से शाम चार बजे तक चल रहीं गर्म हवायें
  • तमाम अभिभावकों का कहना, मौसम के तेवर को देखते हुए बंद होने चाहिये स्कूल
  • प्रशासन ने किया स्कूल टाइमिंग में आंशिक बदलाव, फौरी राहत पर भारी आसमानी आफत
लखनऊ। शुक्रवार को दोपहर एक बजे का समय, शहर के अधिकांश स्कूलों के बाहर अपने-अपने बच्चों को वापस घरों की तरफ ले जाने वाले अभिभावकों, स्कूली गाड़ियों और अन्य संसाधनों की लाइन लगी दिखी। ऐसे में जब तरूणमित्र टीम ने अलग-अलग स्थानों पर ऐसे ही कुछ अभिभावकों से बातचीत की तो उनका तपाक से यही कहना रहा कि भाई जी, हमारे देश में सभी प्रकार के मौसम आते-जाते हैं, लेकिन अप्रैल माह में ऐसी जून जैसी बेहाल करने वाली गर्मी और जब इस समय लू के थपेड़े चल रहे हों, दोपहर में गर्म हवाओं का अंबार चल रहा हो तो फिर ऐसे विषम परिस्थितियों में नौजवानों को तो छोड़ दीजिये, हमारे ये स्कूली बच्चे कहां ठहर पायेंगे।
 
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ऐसी दिक्कत के समय तो अब स्कूल बंद ही कर देने चाहिये, बल्कि एडमिशन आदि के लिये स्कूल अपने काउंटर खोले रखें। उनका साफ तौर पर कहना रहा कि जब जीवन सुरक्षित रहेगा, तो शिक्षा भी हासिल कर लिया जायेगा। वैसे बता दें कि मौसम विभाग ने पहले ही लखनऊ में आगे कुछ दिनों के लिये हीट वेव चलने की घोषणा कर रखी है, लेकिन इसके बावजूद अभी तक स्थानीय प्रशासन और न ही शिक्षा विभाग के अधिकारियों का पूर्णत: इस पर ध्यान जा पाया है। हालांकि दो दिन पूर्व डीएम के आदेश में लखनऊ में बेसिक शिक्षा के नर्सरी से लेकर कक्षा आठ तक के स्कूलों के टाइमिंग में आधे से पौने घंटे की राहत दी गई, लेकिन ऊपर से आग के गोले की तरह बरस रही आसमानी आफत यानी लू के थपेड़े इस पर काफी भारी हैं।
 
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वहीं इंदिरानगर निवासी राकेश त्रिवेदी ने कहा कि उन्हें खड़ी दोपहरी में मुंशी पुलिया के पास से अपने बच्चे को रोजाना दोपहर में लेने जाना पड़ता है, जबकि उस समय मौसम के तेवर इतने सख्त रहते हैं कि बाहर निकलना किसी भी स्थिति में मुनासिब नहीं होता। आशियाना निवासी सीमा कुमारी ने कहा कि ऐसे दौर में यदि उनका बच्चा हीट स्ट्रोक का शिकार हो गया तो फिर उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। ऐसे समय न तो स्कूल प्रबंधन, टीचर, प्रशासन और न ही शिक्षा या फिर स्वास्थ्य विभाग आगे आयेगा।

वहीं इस मुद्दे पर अभिभावक कल्याण संघ के अध्यक्ष प्रदीप श्रीवास्तव ने कहा कि जिस तरह इस समय मौसम के तेवर हैं तो शासन-प्रशासन और अभिभावकों को भी जागरुक होने की जरूरत है। आगे कहा कि डीएम साहब को तो तुरंत स्कूल बंद करने का आदेश जारी करना चाहिये क्योंकि जब जीवन होगा, तभी शिक्षा होगा। जबकि इस प्रकरण पर जब लखनऊ जनपद के बीएसए राम प्रवेश से बात की गई तो उनका कहना रहा कि स्कूल टाइमिंग में राहत भरा बदलाव किया गया है। वहीं जब उनसे यह कहा गया कि ज्यादातर स्कूल इस टाइमिंग को फॉलो नहीं कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि आप उसका नाम बताइये, वहीं जब यह कहा गया कि क्या इसके लिये कोई मॉनीटरिंग सेल नहीं बनाया तो उनका फोन कट गया। 
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