पसीना वाले हनुमान जी के नाम से प्रख्यात मन्दिर में विराजमान प्रतिमा को हर मौसम में आता है पसीना
फिरोजाबाद ,जनपद के यमुना किनारे बसा ग्राम चन्द्रवार में स्थित हनुमान मन्दिर जिसमे विराजमान हनुमान जी को हर मौसम में आता है, पसीना, जिनके दर्शन कर भक्तों की हर मनोकामना होती है, पूरी दूरदराज से भक्तों का लगा रहता है, आना-जाना
हर मौसम में मूर्ति से टपकतीं है बूंदें
गर्मी हो, सर्दी हो या बरसात हो। इसीलिए इस चमत्कारिक मंदिर और प्रतिमा को 'पसीना वाले हनुमान जी' के नाम से जाना जाता है, इस मंदिर के बारे में विस्तार से जानकारी हासिल करने के लिए इस पूरे लेख को जरूर पढ़ें। वैसे तो आपने मंदिरों के बारे में तमाम कहानी और किस्से सुने होंगे उनके चमत्कारों के बारे में भी जरूर सुना होगा क्योंकि भारत भावनाओं के साथ-साथ धर्म और आस्था का देश है, लेकिन जिस मंदिर की हम बात करने जा रहे हैं, उसकी कहानी एकदम अलग है। यह मंदिर उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में स्थित है। फिरोजाबाद शहर से दक्षिण दिशा में लगभग 15 किलोमीटर दूरी पर यमुना नदी के किनारे यह मंदिर स्थित है। इस मंदिर का क्या इतिहास है। और क्या पौराणिक महत्व है। इसके बारे में तो ज्यादा कोई जानकारी नहीं है, लेकिन यह मंदिर जहां स्थित है। उसके समीप एक गांव स्थित है, जिसका नाम चन्द्रवार है, इसी गांव के नाम पर फिरोजाबाद का नाम चंद्र नगर रखे जाने की मांग भी काफी समय से चल रही है। और इस पर नगर निगम द्वारा मोहर भी लगा दी गयी है। यह गांव ऐतिहासिक महत्व वाला गांव है । इस गांव में कभी राजा चंद्रसेन की राजधानी हुआ करती थी। लेकिन अब केवल खंडहर ही बचे हैं। चंदवार गांव पर मोहम्मद गोरी ने आक्रमण कर इसके गौरव को नष्ट कर दिया था। खैर, लौटकर बात पसीना वाले हनुमान जी की कर लेते हैं।
मंदिर तक किस तरह पहुँचा जा सकता है।
फिरोजाबाद से फतेहाबाद जाने वाले मार्ग पर थोड़ा अंदर चलकर बीहड़ों की तरफ यह मंदिर स्थित है। इसके बारे में दावा तो यह किया जाता है। कि यह हजारों साल पुराना है। लेकिन इसका कोई प्रमाण मौजूद नहीं है। इसके मंदिर के बारे में जो हैरान कर देने वाली बात है ,वह हनुमान जी की मूर्ति है, जिसे हर समय पसीना आता रहता है। अगर इस मूर्ति पर सिंदूर का चोला (लेप) चढ़ाया जाये तो यह चोला गीला हो जाता है, और उस पर पानी के बहने जैसी धारियां पड़ जाती है।
एक्सपर्ट भी नहीं बता सके पसीने का रहस्य
कई एक्सपर्ट्स ने भी यह जानने की कोशिश की कि आखिर यह चोला गीला क्यों हो जाता है। लेकिन इसका कोई ठोस जवाब नहीं मिल सका है। मूर्ति को आने वाले पसीने के कारण ही इस मंदिर की ख्याति दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। बीहड़ की वजह से पहले जहां इस मंदिर में लोग जाने से डरते थे। लेकिन अब बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपने आराध्य बजरंग बली के दर्शन करने के लिए यहां पहुंचते हैं। मंगलवार को और शनिवार को तो दर्शनार्थियों की यहां लंबी-लंबी लाइने लगती हैं। विज्ञान और एक्सपर्ट का जो भी दावा हो लेकिन भक्तों का यह मानना है, कि हनुमान जी के इस मंदिर में विराजमान प्रतिमा में शक्ति होने के कारण इसे पसीना आता है। हालांकि कुछ जानकारों की यह भी राय है कि यहां पर जो यमुना नदी बहती है, उस यमुना नदी के पानी की नमी से यह मूर्ति गीली हो जाती है। लेकिन इस तर्क को बजरंग बली के भक्त इसलिए मानने को तैयार नहीं है, क्योंकि इसी नदी के किनारे हनुमान जी के मंदिर और भी हैं। आखिर उनकी प्रतिमा क्यों गीली नहीं होती है। इस मंदिर के भक्ति समय-समय पर यहां विशाल भंडारा भी करवाते हैं। पसीना वाले हनुमान जी के मंदिर के ठीक सामने भगवान श्री राम का मंदिर भी है। जहां पर भक्त भगवान श्री राम का गुणगान कर हनुमान जी की कृपा के लिए आतुर रहते है। अगर आप भी इस चमत्कारी मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं तो सबसे पहले आप फिरोजाबाद बस स्टैंड या रेलवे स्टेशन पहुंचे। उसके बाद ऑटो या अन्य टैक्सी के जरिए इस मंदिर पर पहुंचा जा सकता है।
यह लेख धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। लेखक का अपना कोई दवा नहीं है।
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