सरोजनी नगर: एसडीएम साहिब से बड़ी उम्मीद हैं, क्या मिलेगा न्याय!
नवागत महिला पीसीएस अफसर ने संभाला तहसील मुख्यालय पर कार्यभार
- सरकारी जमीनों पर भूमाफियाओं का कब्जा मुक्त करना बड़ी चुनौती
राहुल सिंह यादव
सरोजनी नगर, लखनऊ। सरोजनी नगर नवागत उपजिलाधिकारी फाल्गुनी सिंह ने प्रभार ग्रहण करने के साथी ही राजस्व विभाग के पदाधिकारी कर्मचारियों के साथ बैठक कर अपनी कार्यशाली का संकेत दे दिया है। उन्होंने आवेदकों की विभिन्न प्रकार की समस्याएं भी सुनी। वैसे बता दें कि बुधवार को न्यायालय में बैठकर न्यायिक कार्यों की शुरूआत कर चुकी हैं। वहीं स्थानीय नागरिकों और कुछ वरिष्ठ अधिवक्ताओं की मानें तो राजधानी मुख्यालय से सटे सबसे चर्चित तहसीलों में शुमार इस तहसील क्षेत्र में समस्याओं के साथ ही चुनौतियों का भी अम्बार है। इनके अनुसार सरोजनी नगर तहसील क्षेत्र में सरकारी जमीनों पर भू माफियाओं का अवैध कब्जा है।
सैकड़ों बीघा सरकारी जमीन अतिक्रमण है जिसे मुक्त करना एसडीएम फाल्गुनी सिंह के लिए बड़ी चुनौती साबित होगी। संपूर्ण समाधान दिवस में सबसे सर्वाधिक शिकायतें अवैध कब्जे की आती है जिनका निस्तारण सिर्फ कागजों पर हो जाता है जमीनी स्तर पर नहीं फिर चाहे आमौसी हो मीरानपुर पिनवट , नटकुर व अन्य ग्राम पंचायतों में सरकारी जमीनें भूमाफियाओं के निशाने पर हैं ग्रामीण का कहना है कि कई अधिकारी आए लेकिन व भूमाफियाओं के विरुद्ध मौन रहे अब लोगों को उम्मीद है कि एक महिला अफसर अवैध कब्जाधरियों की कमर तोड़ने के लिए कार्य करेंगी।
लंबित वादों का निस्तारण करना अहम जिम्मेदारी
सूबे के सीएम योगी ने हाल ही में सभी जिलाधिकारियों सख्त निर्देश दिया था कि लंबित वादों का निस्तारण तत्काल किया जाए इसके लिए प्रदेश के सभी तहसीलों में लंबित मुकदमों पर कार्य भी किया गया परंतु सरोजनी नगर तहसील को नंबर वन बनने के चक्कर में तमाम नए मुकदमे को लंबित वादों की सूची में डालकर निस्तारित कर दिया गया जिसे लेकर वादकारि तहसीलों के चक्कर लगा रहे हैं। तहसील आए पीके रावत ने बताया कि नवागत एसडीएम साहिब से बड़ी उम्मीदें हैं, उम्मीद तो यही की जा रही है कि क्या वो अपनी सरकारी कलम से लोगों को न्याय देने का कार्य करेंगी।
अधिवक्ताओं से सामंजस बनाए रखना भी जरूरी
नवागत उपजिलाधिकारी फाल्गुनी सिंह को अधिवक्ताओं से भी सामंजस बनाए रखना अहम जिम्मेदारी होगी क्योंकि तत्कालीन एसडीएम सचिन कुमार वर्मा अधिवक्ताओं के बीच पैठ नहीं बना नहीं बना पाए थे इसके पूर्व भी कई अधिकारी अधिवक्ताओं के विपरीत ही रहे लेकिन इस बार एक महिला अधिकारी ने कार्यभार संभाला है अधिवक्ताओं को उम्मीद है कि न्याय हित में कार्य करेंगी।
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