युद्धविराम: ईरान, इस्राइल, अमेरिका के लिए चेहरा बचाने का मौका
युद्ध रुकने से अब तीनों कर सकेंगे जीत के दावे
By Tarunmitra
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नई दिल्ली। डोनाल्ड ट्रंप की स्पष्ट घोषणा के फिलहाल इस्राइल-ईरान के बीच जंग थमता नजर आ रहा है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इस मुकाम पर युद्ध रुकना इस्राइल, ईरान और अमेरिका तीनों के लिए अपनी-अपनी जीत का दावा करने का मौका साबित हो सकता है।
विशेषज्ञों की मानें तो इस्राइल के लिए यह ईरान के परमाणु ठिकाने तबाह करने की सफलता है तो ईरान भी दुश्मन को कड़ा जवाब देने का दम भर सकता है। इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप के ईरान निदेशक अली वेज के मुताबिक, इस्राइल की मदद के लिए सीधे तौर पर जंग में कूदकर दुनियाभर में सनसनी मचा देने वाला अमेरिका आखिरी मौके पर दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम कराकर एक बड़ा संघर्ष टालने का श्रेय ले सकता है।
सबसे बड़ा सवाल है कि तीनों देश अपने-अपने चेहरे कैसे बचाएंगे तो जंग के बीच के घटनाक्रम पर गौर करें तो इसके सिरे इसी में छिपे मिल जाएंगे। ईरान की सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल ने सोमवार को एक आपात बैठक की, जिसमें अमेरिकी हमले का जवाब देने की रणनीति बनी क्योंकि ईरान को अपना चेहरा बचाना था। युद्ध की रणनीति बनाने से जुड़े चार अधिकारियों के मुताबिक, सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामनेई ने एक बंकर के अंदर से इसका निर्देश जारी किया। लेकिन साथ ही स्पष्ट निर्देश दिया कि यह बेहद सीमित होना चाहिए ताकि सीधे तौर पर अमेरिका के साथ मोर्चा लेने की नौबत न आए।
ईरान ने सीमित हमले कर ट्रंप को दिया संदेश
विशेषज्ञ मान रहे हैं कि पर्दे के पीछे जारी घटनाक्रम में ईरानी नेताओं को उम्मीद थी कि सीमित हमले और अग्रिम चेतावनी जारी किए जाने से राष्ट्रपति ट्रंप के रुख में नरमी आएगी और ईरान को पीछे हटने का रास्ता मिल सकेगा। और इससे वाशिंगटन की तरफ से इस्राइल पर हवाई हमले रोकने का दबाव भी डाला जा सकता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने जताया आभार
ईरान की रणनीति कारगर भी साबित हुई। ट्रंप ने बाद में कहा भी कि अमेरिकी सैन्य ठिकाने पर दागी गई 14 में से 13 ईरानी मिसाइलें पहले ही मार गिराई गईं और इसके कारण न्यूनतम नुकसान हुआ है। यही नहीं, ट्रंप ने पूर्व चेतावनी देने के लिए ईरानी नेतृत्व का आभार भी जताया। यही नहीं, इस हमले के कुछ घंटों बाद ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम कराने की घोषणा भी कर दी।
जंग से किसे क्या मिला
इस्राइल : अमेरिका के मना करने के बावजूद उसकी मदद लेकर ईरान के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल खतरे को खत्म किया। इस्राइल को गाजा पट्टी की स्थिति को लेकर युद्ध अपराधों के आरोपों से ध्यान हटाने में भी सफलता मिली।
ईरान : वैसे तो ईरान को इस जंग में काफी कुछ गंवाना पड़ा है, जिसके लिए संघर्ष विराम लागू होना किसी राहत से कम नहीं है। लेकिन वह दशकों से इस्लामिक गणराज्य के दुश्मन रहे इस्राइल को कड़ा जवाब देने को अपनी सफलता बता सकता है।
अमेरिका : अमेरिका ने एक तरफ से अब बम बर्षकों के जरिये ईरानी परमाणु ठिकानों को तहस-नहस कर पूरी दुनिया को अपनी ताकत दिखा दी। ईरानी के जवाबी हमले में अमेरिका को कोई खास नुकसान नहीं पहुंचा और अब वह पश्चिम एशिया में शांति का मसीहा बनने का दावा भी कर रहा है।
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