स्क्रैप से तैयार हो रहा शिवालय पार्क

स्क्रैप से तैयार हो रहा शिवालय पार्क

प्रयागराजइस बार महाकुंभ में आने वाले श्रृद्धालुओं के लिए अरैल विशेष रहने वाला है। अरैल बांध रोड के बगल गंजिया में तैयार हो रहा शिवालय पार्क  विशेष आकर्षण रहेगा। यह पार्क अपने आप में अनूठा बनाया जा रहा है। इस पार्क को बनाने में सबसे खास बात है है कि इसे वेस्ट टू आर्ट थीम पर बनाया जा सकता है। इसके तहत इसे कबाड़ एवं स्क्रैप से बनाया जा रहा है।

17 करोड़ रुपए में बन रहे इस पार्क का नजारा लोगों को अपनी ओर आकर्षित करेगा। यह पार्क महाकुंभ के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र हो सकता है, क्योंकि इसमें 22 मंदिरों का स्वरूप होगा, जिसमें सभी 12 ज्योतिर्लिंग के स्वरूप भी होंगे। इसके अलावा चार धाम, समुद्र मंथन एवं हिंदू यूनिवर्स सिंबल भी होगा। एक ओर यह पार्क जहां लोगों को आस्था से जोड़ेगा वहीं दूसरी ओर योगा प्वाइंट एवं मेडिटेशन ट्रीज लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करेगा। इसके अलावा बच्चों को रिझाने के लिए स्केटिंग जोन व प्ले जोन होगा। वहीं भूख मिटाने को रेस्टोरेंट और फूड कोर्ट भी होगा। इस प्रोजेक्ट को नगर निगम की ओर से जेड टेक इंडिया कंपनी को दिया गया है जो इसे तैयार कर रही है। प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर सचिन सिंह ने बताया कि दस एकड़ में बन रहे इस पार्क में लोगों के आकर्षण की तमाम चीजें उपलब्ध होंगी।

पार्क में भारत के नक्शे के अंदर 22 मंदिरों का स्वरूप बनना है, जिसमें से 12 ज्योतिर्लिंग, सोमनाथ, सौराष्ट्र क्षेत्र, गुजरात, मल्लिकार्जुन, श्रीशैलम, आंध्र प्रदेश, महाकालेश्वर, उज्जैन, मध्य प्रदेश, ओंकारेश्वर, मांधाता, मध्य प्रदेश, केदारनाथ, उत्तराखंड, भीमाशंकर, पुणे, महाराष्ट्र, विश्वेश्वर, वाराणसी, उत्तर प्रदेश, त्र्यंबकेश्वर, नासिक ज़िले के त्रिंबक गांव, महाराष्ट्र, वैद्यनाथ, देवघर, झारखंड, नागेश्वर, दारुकावनम, गुजरात, रामेश्वर, रामेश्वरम, तमिलनाडु, घृष्णेश्वर, औरंगाबाद, महाराष्ट्र हैं। इसके अलावा समुद्र मंथन, नंदी, शिव त्रिशूल आदि बनाए जा रहे हैं। इस पार्क का आकर भारत के मानचित्र जैसा होगा। इसके बाउंड्री पर वाटर पार्क होगा, जिसमें बोटिंग आदि क्रिया कलाप की गतिविधियां लोगों के लिए होंगी।

खास बात है कि भारत में जिस स्थान पर जो मंदिर है, उसे पार्क में भी उसी स्थान पर मानचित्र के अंदर बनाई जा रही है। पार्क में ओपन एयर थिएटर भी होगा। शिवालय पार्क को बनाने का काम तेजी से किया जा रहा है। सात दिसंबर तक इसको पूरा करना है। जिसके लिए उड़ीसा, गुजरात, मध्यप्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, राजस्थान के 29 कलाकार कलाकृतियां बनाने में जुटे हुए हैं। इसके अलावा यहां पर वेल्डर और हेल्पर की 250 जोड़ियां तथा सिविल के मजदूर, 300 से अधिक कारीगर इस पार्क के काम को पूरा करने में लगे हुए हैं। कुंभ में प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं को इसी पार्क में ही सभी ज्योतिर्लिंग के स्वरूपों के दर्शन होंगे। यह पार्क मात्र कुंभ के लिए ही नहीं बल्कि हमेशा के लिए स्थाई तौर पर बनाया जा रहा है।

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