संघर्ष समिति ने उठाया सवाल, जेल भरो आंदोलन की तैयारी
ऊर्जा निगमों में आपातकाल लगाकर निजीकरण का टेंडर जारी करने की कोशिश
लखनऊ। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने कहा है कि ऊर्जा निगमों में आपातकाल लगाकर पावर कारपोरेशन प्रबंधन निजीकरण का टेंडर निकालने की साजिश रच रहा है। निजीकरण के किसी भी टेंडर के पहले संघर्ष समिति ने सवाल किया है कि किस स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट के आधार पर निजीकरण किया जा रहा है, उसे सार्वजनिक किया जाय। टेंडर जारी होते ही जेल भरो आंदोलन शुरू करने की तैयारी में आज झांसी और पारीछा में विशाल आम सभा हुई।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि शक्ति भवन के प्रबंधकीय गलियारों में यह चर्चा है कि बड़े पैमाने पर उत्पीड़न और दमन कर ऊर्जा निगमों में आपातकाल लगाकर प्रबंधन पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के टेंडर जारी करने की कोशिश में है।
समिति ने कहा कि बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर और अभियंता पूरी तरह सतर्क हैं और प्रबंधन की ऐसी किसी भी साजिश का करारा जवाब दिया जाएगा। पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार टेंडर जारी होते ही बिजली कर्मी, जूनियर इंजीनियर और अभियंता किसानों तथा गरीब व मध्यमवर्गीय घरेलू उपभोक्ताओं के साथ मिलकर सामूहिक जेल भरो आंदोलन शुरू कर देंगे जिससे उत्पन्न किसी भी स्थिति की सारी जिम्मेदारी प्रबंधन की होगी।
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