तंबाकू सेवन के कारण 80 लाख से अधिक लोगों की मौत

तंबाकू सेवन के कारण 80 लाख से अधिक लोगों की मौत

लखनऊ। धूम्रपान से होने वाले गंभीर स्वास्थ्य प्रभावों के प्रति जागरूकता बढ़ाना और लोगों को इसे छोड़ने के लिए प्रेरित करना है। इस बार यह दिवस 12 मार्च को मनाया जाना है। इस बार इस दिवस की थीम-इस नो स्मोकिंग डे पर अपना जीवन वापस पाएं निर्धारित की गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में तंबाकू सेवन के कारण हर साल लगभग 80 लाख से अधिक लोगों की मौत हो जाती है, जिसमें से 70 लाख से अधिक लोग सीधे धूम्रपान करने की वजह से और बाकी 12 लाख लोग परोक्ष रूप से तंबाकू के धुएं के संपर्क में आने से प्रभावित होते हैं।  

भारत में भी तंबाकू सेवन एक गंभीर समस्या है,जहां हर साल लगभग 35 लाख लोग तंबाकू से जुड़ी बीमारियों के कारण अपनी जान गंवाते हैं। इसके तहत लोगों को धूम्रपान के नुकसान के बारे में सचेत करते हुए यह बताया जाएगा कि धूम्रपान छोड़ने से किस तरह आप करीब 40 तरह के कैंसर और 25 अन्य गंभीर बीमारियों की चपेट में आने से बच सकते हैं । सेकंड स्मोकिंग का सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव बच्चों और गर्भवती पर पड़ता है, क्योंकि वह शुरुआत से ही धुएं के घेरे में आ जाते हैं। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्व में लगभग 12 लाख लोगों की मृत्यु की वजह सेकंड हैण्ड स्मोकिंग है। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि तंबाकू सेवन और धूम्रपान न केवल व्यक्ति के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है। धूम्रपान से कई घातक बीमारियां होती हैं, जिनमें प्रमुख रूप से फेफड़ों का कैंसर, हृदय रोग, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिज़ीज़ , स्ट्रोक, उच्च रक्तचाप और सांस संबंधी अन्य समस्याएं शामिल हैं।

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